दिल्ली सरकार राजधानी के ऐसे 15 निजी स्कूलों के दावे का जांच करेगी, जिन्होंने अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस लौटाने की जानकारी दी है। सरकार ने इसके लिए सभी क्षेत्रीय निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे बैंक रिकॉर्ड खंगालने के साथ संबंधित स्कूल के 10-10 अभिभावकों के बयान भी दर्ज करें।
शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को नौ फीसदी ब्याज के साथ अभिभावकों से वसूली गई बढ़ी फीस को वापस करने का निर्देश दिया था। ऐसे में जिन स्कूलों ने अभिभावकों को सीधे बैंक में पैसा वापस किया है उसकी पुष्टि के लिए उनके बैंक का रिकॉर्ड मांगा जाएगा और उसे संबंधित बैंक से सर्टिफाई भी कराया जाएगा। इसके अलावा जिन अभिभावकों को कैश में पैसा वापस किया गया, उनका बयान भी दर्ज होगा।
इसके अलावा जिन स्कूलों ने अपने शिक्षकों को छठे वेतन आयोग के आधार पर सैलरी और एरियर देने का दावा किया है, उन दावों की भी जांच की जाएगी। यह पेमेंट भी अगर सीधे कैशलेस हुई है तो बैंक स्टेटमेंट की जांच होगी।
अगर पैसा में कैश दिया गया है तो कम से कम प्रति स्कूल से पांच शिक्षकों का बयान दर्ज किया जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि स्कूलों को बढ़ी हुई फीस वापस करनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार स्कूलों को टेकओवर करने से नहीं हिचकेगी।
21st August, 2017