उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। उनके खिलाफ गिट्टी चोरी का मामला कोर्ट में विचाराधीन था। शनिवार को कोर्ट में बहस के समय मंत्री राकेश सचान पेशी पर पहुंचे थे लेकिन फैसला आने से पहले वह कोर्ट से फरार हो गए।
कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था।
क्या है मामला : यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी।
धारा 389 में सजा का प्रावधान : किसी व्यक्ति को अपराध (जिसकी सज़ा मॄत्यु दण्ड या आजीवन कारावास, या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाना। सजा - दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
धारा 411 में सजा का प्रावधान : चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना। इसमें सजा तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों हो सकती हैं। यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
सपा छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल : लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा छोड़कर राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी, जिस कारण वह नाराज थे।
उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की थी लेकिन कोई ठोस अश्वासन नहीं मिला था। इसकी वजह से सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है। भाजपा ने राकेश सचान को कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की थी।
कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था।
क्या है मामला : यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी।
धारा 389 में सजा का प्रावधान : किसी व्यक्ति को अपराध (जिसकी सज़ा मॄत्यु दण्ड या आजीवन कारावास, या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाना। सजा - दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
धारा 411 में सजा का प्रावधान : चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना। इसमें सजा तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों हो सकती हैं। यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
सपा छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल : लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा छोड़कर राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी, जिस कारण वह नाराज थे।
उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की थी लेकिन कोई ठोस अश्वासन नहीं मिला था। इसकी वजह से सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है। भाजपा ने राकेश सचान को कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की थी।
6th August, 2022