यूरीड मीडिया- लोक निर्माण विभाग के अभियंता अब साफ्टवेयर के जरिये निर्माण कार्यों के एस्टीमेट तैयार कर सकेंगे। एस्टीमेट तैयार करने के बाद उन्हें स्वीकर्ता अधिकारी को एप के माध्यम से ही आनलाइन भेजा जा सकेगा। उच्चाधिकारी भी इसे आनलाइन मंजूरी दे सकेंगे।
लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने लोक निर्माण मुख्यालय के तथागत सभागार में एस्टीमेट साफ्टवेयर को लांच किया। एप को लांच करने के बाद उन्होंने कहा कि साफ्टवेयर के उपयोग से एस्टीमेट तैयार करने की प्रक्रिया सरल और सुगम होगी। इसमें पारदर्शिता भी आएगी। एस्टीमेट को खंड स्तरीय कार्यालय से लोक निर्माण मुख्यालय तक आनलाइन भेजने की सुविधा की वजह से अब अधिकारियों को एस्टीमेट स्वीकृत कराने के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे समय और पैसे की बचत होगी।
अधिकारी फील्ड के कार्यों में अधिक समय दे पाएंगे। काम में भी तेजी आएगी। स्टेशनरी और प्रिंंटिंग का खर्च भी बचेगा। किसी स्तर पर एस्टीमेट में कमियां पाये जाने पर उसे आपत्ति लगा कर आनलाइन ही खंडीय कार्यालय को वापस किया जा सकेगा। आपत्ति का निराकरण भी आनलाइन किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि विभाग के हर क्षेत्र में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए जनता को विश्व स्तरीय सड़कें उपलब्ध कराई जाएं। एस्टीमेटर साफ्टवेयर में लोक निर्माण विभाग की ओर से निर्धारित दरें पहले से फीड हैं। जिन सामग्रियों के दाम क्षेत्रीय आधार पर तय किये जाते हैं, उनकी प्रचलित दर फीड की जाएगी।
साफ्टवेयर पर निर्धारित फार्मेट में एस्टीमेट तैयार किया जा सकता है। साफ्टवेयर को लांच करने के बाद एक एस्टीमेट को आनलाइन मुख्यालय भेजने की टेस्टिंग भी की गई। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े थे।
लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने लोक निर्माण मुख्यालय के तथागत सभागार में एस्टीमेट साफ्टवेयर को लांच किया। एप को लांच करने के बाद उन्होंने कहा कि साफ्टवेयर के उपयोग से एस्टीमेट तैयार करने की प्रक्रिया सरल और सुगम होगी। इसमें पारदर्शिता भी आएगी। एस्टीमेट को खंड स्तरीय कार्यालय से लोक निर्माण मुख्यालय तक आनलाइन भेजने की सुविधा की वजह से अब अधिकारियों को एस्टीमेट स्वीकृत कराने के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे समय और पैसे की बचत होगी।
अधिकारी फील्ड के कार्यों में अधिक समय दे पाएंगे। काम में भी तेजी आएगी। स्टेशनरी और प्रिंंटिंग का खर्च भी बचेगा। किसी स्तर पर एस्टीमेट में कमियां पाये जाने पर उसे आपत्ति लगा कर आनलाइन ही खंडीय कार्यालय को वापस किया जा सकेगा। आपत्ति का निराकरण भी आनलाइन किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि विभाग के हर क्षेत्र में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए जनता को विश्व स्तरीय सड़कें उपलब्ध कराई जाएं। एस्टीमेटर साफ्टवेयर में लोक निर्माण विभाग की ओर से निर्धारित दरें पहले से फीड हैं। जिन सामग्रियों के दाम क्षेत्रीय आधार पर तय किये जाते हैं, उनकी प्रचलित दर फीड की जाएगी।
साफ्टवेयर पर निर्धारित फार्मेट में एस्टीमेट तैयार किया जा सकता है। साफ्टवेयर को लांच करने के बाद एक एस्टीमेट को आनलाइन मुख्यालय भेजने की टेस्टिंग भी की गई। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े थे।
24th June, 2022