यूरीड मीडिया- डॉ॰ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के ब्लड बैंक का भ्रष्टाचारी डॉक्टर ईमानदार डॉक्टर एवं कर्मचारी पर भारी पड़ा। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के नाक ने निचे राजधानी में स्थिति लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक में भ्रष्टाचारियों का कब्ज़ा है। यहाँ के ब्लड बैंक में तैनात डॉक्टर वी० के० शर्मा इतने ताकतवर है कि ब्लड बैंक में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली मेडिकल अफसर डॉक्टर रागिनी सिंह एवं फार्मासिस्ट प्रभाकर त्रिपाठी को डॉक्टर वी० के० शर्मा ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर दवाब डालकर करके रिलीव करा दिया। संस्थान के निदेशक तक को भी यह जानकारी नहीं हो पायी। शर्मा कितने ताकतवर है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि संस्थान में कार्यरत पीएमएस सेवा के सभी डॉक्टर हटा दिए गए लेकिन शर्मा अभी भी बने हुए हैं। भ्रष्टाचार उजागर करने वाले डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट को रिलीव करने के बाद खुलेआम धमकी भी दे रहे हैं कि उनका सम्बन्ध शासन में नेताओं एवं बड़े-बड़े अधिकारियों से है। चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव से उनके व्यक्तिगत सम्बन्ध हैं। राजभवन में तैनात अपर मुख्य सचिव से उनके घरेलु तालुक्कात है। इसलिए उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। यहाँ उल्लेखीय यह है कि ब्लड बैंक में कार्यरत डॉक्टर रागिनी सिंह ने 7 जून को संस्थान के निदेशक को ब्लड बैंक में हो रहे अनियमितताओं की शिकायत की थी। शिकायत की जांच होने के बजाय डॉक्टर वी० के० शर्मा के प्रभाव में CMS ने शिकायत कर्ताओं को 20 जून और 22 जून को रिलीव करते हुए विभाग में वापस भेज दिया। जबकि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री तक को शिकायत की गयी थी और समाचार भी प्रकाशित हुए थे। संस्थान के निदेशक से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो पायी।
रिलीव किये गए पत्र और पूर्व में प्रकाशित समाचार निचे है -
पूर्व में प्रकाशित खबर का लिंक, क्लिक करें
रिलीव किये गए पत्र और पूर्व में प्रकाशित समाचार निचे है -
पूर्व में प्रकाशित खबर का लिंक, क्लिक करें
23rd June, 2022