यूरीड मीडिया- एक तरफ प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गरीब कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। वहीं सरकारी नौकरशाही में बैठे अफसर ही सरकार के कामों को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। ताजा मामला अपात्रों को दिए राशन की वसूली को लेकर सामने आया है. खाद्य एवं रसद विभाग के अफसरों ने इस भ्रष्ट कृत्य को अंजाम दिया है।
खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीणा और खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू माहेश्वरी जिलों में अपात्रों को मिले राशन की वसूली को लेकर विशेष निर्देश जारी किए थे। इन लोगों ने बाकायदा हर जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिए थे। जिलाधिकारियों ने इस आदेश को शासन का आदेश माना और इसका अनुपालन कराने में जुट गए।
यही कारण है कि बीते कुछ दिनों से अपात्रों के राशन कार्ड सरेंडर को लेकर खबरें सामने आ रहीं थी जिसे लेकर बाद में शासन ने नोट जारी कर मामले में स्पष्टीकरण दिया था। बाद में जब मामला फंसा तो तो शासन के अफसर बैकफुट पर आ गए। खाद्य एवं रसद विभाग के अफसरों के इस कांड से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हैं।
खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीणा और खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू माहेश्वरी जिलों में अपात्रों को मिले राशन की वसूली को लेकर विशेष निर्देश जारी किए थे। इन लोगों ने बाकायदा हर जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिए थे। जिलाधिकारियों ने इस आदेश को शासन का आदेश माना और इसका अनुपालन कराने में जुट गए।
यही कारण है कि बीते कुछ दिनों से अपात्रों के राशन कार्ड सरेंडर को लेकर खबरें सामने आ रहीं थी जिसे लेकर बाद में शासन ने नोट जारी कर मामले में स्पष्टीकरण दिया था। बाद में जब मामला फंसा तो तो शासन के अफसर बैकफुट पर आ गए। खाद्य एवं रसद विभाग के अफसरों के इस कांड से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हैं।
24th May, 2022