कांग्रेस के मजबूत चुनावी राज्य पंजाब में चल रही खींचतान को लेकर नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के पंजाब मॉडल पर उठे घमासान के बीच बुधवार रात राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सिद्धू से मुलाकात की। संगठन के ढांचे को लेकर उठ रहे सवालों पर राहुल ने सिद्धू से बात की है और सभी नेताओं के साथ बातचीत कर ही कोई फैसला लेने को कहा है। पंजाब के जिला अध्यक्षों को लेकर भी सर्वसम्मति बनाने को कहा गया है। बताते हैं कि जाखड़ इसी को लेकर नाराज हैं और इसी संबंध में उन्होंने राहुल से मुलाकात कर अपनी आपत्ति बता दी है।
बैठक में सिद्धू ने भी अपना पक्ष रखा है। सिद्धू ने भी उन मुद्दों को उठाया, जिन्हें लेकर आलाकमान के साथ सहमति बनी थी, लेकिन अभी तक फैसला नहीं हुआ है। राहुल ने मुख्यमंत्री चन्नी से पार्टी के घोषणापत्र में कही शेष बातों को भी जल्द पूरा करने को कहा है। चन्नी ने भी आ रही दिक्कतों की जानकारी राहुल के सामने रखी हैं।
दरअसल सिद्धू अपने करीबियों को महत्व देने के लिए संगठन में बदलाव लाना चाह रहे हैं और इसकी शिकायत भी नेतृत्व को लगातार मिल रही है। सिद्धू ने 14 दिन पहले हाईकमान को 29 जिला समितियों के लिए एक-एक प्रधान और दो-दो कार्यकारी प्रधानों की सूची भेजते हुए इसे पंजाब में पार्टी का मॉडल करार दिया था। लेकिन हाईकमान ने अब तक इस सूची पर कोई फैसला नहीं लिया है।
पता चला है कि सिद्धू की ओर से बनाए गए मॉडल पर दो एतराज सामने आए हैं। पहला, सिद्धू ने जिला प्रधानों के नाम तय करते समय राज्य के किसी भी सीनियर कांग्रेसी नेता से विचार-विमर्श नहीं किया। दूसरा, दो-दो कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति भी हाईकमान को नागवार गुजर रही है। इस पूरे मामले में हाईकमान की तरफ से कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन मंगलवार को सिद्धू ने लुधियाना में एक जनसभा के दौरान साफ कर दिया कि अगर हाईकमान ने उनके द्वारा भेजे मॉडल को मंजूरी नहीं दी तो वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। सिद्धू के इस रुख के बाद हाईकमान ने बुधवार को न सिर्फ सिद्धू बल्कि मुख्यमंत्री चन्नी को भी बुला लिया है। बताया जा रहा है कि सिद्धू हाईकमान के इस रवैये से नाराज हैं, वहीं राज्य में जिला व ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए अब तक स्थिति साफ नहीं हो रही कि वह चुनाव के लिए किस तरह पार्टी की जिम्मेदारी संभालें।
बुधवार को ही पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान जाखड़ ने भी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे के बारे में राहुल गांधी को कुछ सुझाव दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने सिद्धू और चन्नी के बीच चल रही सार्वजनिक बयानबाजी और सिद्धू का अपनी ही सरकार के खिलाफ किसी न किसी मुद्दे को हवा देते रहने के बारे में भी राहुल गांधी को जानकारी दी है। इस बीच यह भी चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान जल्द ही सुनील जाखड़ को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। जाखड़ ने भी कहा है कि वह हमेशा कांग्रेस के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर कार्य करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
दरअसल सिद्धू अपने करीबियों को महत्व देने के लिए संगठन में बदलाव लाना चाह रहे हैं और इसकी शिकायत भी नेतृत्व को लगातार मिल रही है। सिद्धू ने 14 दिन पहले हाईकमान को 29 जिला समितियों के लिए एक-एक प्रधान और दो-दो कार्यकारी प्रधानों की सूची भेजते हुए इसे पंजाब में पार्टी का मॉडल करार दिया था। लेकिन हाईकमान ने अब तक इस सूची पर कोई फैसला नहीं लिया है।
पता चला है कि सिद्धू की ओर से बनाए गए मॉडल पर दो एतराज सामने आए हैं। पहला, सिद्धू ने जिला प्रधानों के नाम तय करते समय राज्य के किसी भी सीनियर कांग्रेसी नेता से विचार-विमर्श नहीं किया। दूसरा, दो-दो कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति भी हाईकमान को नागवार गुजर रही है। इस पूरे मामले में हाईकमान की तरफ से कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन मंगलवार को सिद्धू ने लुधियाना में एक जनसभा के दौरान साफ कर दिया कि अगर हाईकमान ने उनके द्वारा भेजे मॉडल को मंजूरी नहीं दी तो वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। सिद्धू के इस रुख के बाद हाईकमान ने बुधवार को न सिर्फ सिद्धू बल्कि मुख्यमंत्री चन्नी को भी बुला लिया है। बताया जा रहा है कि सिद्धू हाईकमान के इस रवैये से नाराज हैं, वहीं राज्य में जिला व ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए अब तक स्थिति साफ नहीं हो रही कि वह चुनाव के लिए किस तरह पार्टी की जिम्मेदारी संभालें।
बुधवार को ही पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान जाखड़ ने भी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे के बारे में राहुल गांधी को कुछ सुझाव दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने सिद्धू और चन्नी के बीच चल रही सार्वजनिक बयानबाजी और सिद्धू का अपनी ही सरकार के खिलाफ किसी न किसी मुद्दे को हवा देते रहने के बारे में भी राहुल गांधी को जानकारी दी है। इस बीच यह भी चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान जल्द ही सुनील जाखड़ को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। जाखड़ ने भी कहा है कि वह हमेशा कांग्रेस के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर कार्य करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
3rd December, 2021