यूरीड मीडिया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर आज देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करके हर किसी को चौंका दिया। केंद्र सरकार के तीनों कृषिकानूनों के विरोध में देशभर के किसान पिछले एक साल से अधिक समय से आंदोनलरत थे। उनका कहना था कि इनके कारण कृषि के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर का दखल बढ़ेगा। पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें...
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :-
पांच दशक के अपने कार्य के दौरान मैंने किसानों के सामने आने वालीमुश्किलों को देखा है। जब देश ने मुझे पीएम बनाया तो मैंने कृषि विकास और किसानों को हित को प्राथमिकता पर रखा था।
किसानों को भूमि स्वास्थ्य कार्ड दिए गए जिससे उन्हें कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली ।
एक लाख करोड़ रुपये की राशि किसानों को मुआवजे के रूप में दी गई। बीमा और पेंशन भी प्रदान की गई। किसानों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कियाा गया।
ग्रामीण बाजार के ढांचे को मजबूत किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया।
माइक्रो इरिगेशन के फंड को दोगुना किया गया, कृषि लोन भी दोगुना किया गया। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए राशि को बढ़ाया गया।
हमारी सरकार किसानों के हित मेंहरसंभव प्रयास कर रही है, उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि कानून छोटे किसानों की मदद के लिए लाए गए थे।
हमारी सरकार, किसानों के हित के लिए संकल्पित है खास तौर पर छोटे किसान। हम उनके हित में पूरी तरह काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किसानों को आश्वस्त करने में सफल नहीं हो पा रहे। किसानों का एक वर्ग ही कानूनों का विरोध कर रहा लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने और जानकारी देने का प्रयास करते रहे।
हमने किसानों को समझाने का पूरा प्रयास किया। हम कानूनों में संशोधन करने, यहां तक कि उन्हें सस्पेंड करने के लिए तैयार थे। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया।
हम किसानों को समझा नहीं सके। यह किसी पर आरोप लगाने का समय नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस ले लिए। हम कृषि कानूनों को रद्द कर रहे हैं।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :-
पांच दशक के अपने कार्य के दौरान मैंने किसानों के सामने आने वालीमुश्किलों को देखा है। जब देश ने मुझे पीएम बनाया तो मैंने कृषि विकास और किसानों को हित को प्राथमिकता पर रखा था।
किसानों को भूमि स्वास्थ्य कार्ड दिए गए जिससे उन्हें कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली ।
एक लाख करोड़ रुपये की राशि किसानों को मुआवजे के रूप में दी गई। बीमा और पेंशन भी प्रदान की गई। किसानों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कियाा गया।
ग्रामीण बाजार के ढांचे को मजबूत किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया।
माइक्रो इरिगेशन के फंड को दोगुना किया गया, कृषि लोन भी दोगुना किया गया। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए राशि को बढ़ाया गया।
हमारी सरकार किसानों के हित मेंहरसंभव प्रयास कर रही है, उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि कानून छोटे किसानों की मदद के लिए लाए गए थे।
हमारी सरकार, किसानों के हित के लिए संकल्पित है खास तौर पर छोटे किसान। हम उनके हित में पूरी तरह काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किसानों को आश्वस्त करने में सफल नहीं हो पा रहे। किसानों का एक वर्ग ही कानूनों का विरोध कर रहा लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने और जानकारी देने का प्रयास करते रहे।
हमने किसानों को समझाने का पूरा प्रयास किया। हम कानूनों में संशोधन करने, यहां तक कि उन्हें सस्पेंड करने के लिए तैयार थे। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया।
हम किसानों को समझा नहीं सके। यह किसी पर आरोप लगाने का समय नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस ले लिए। हम कृषि कानूनों को रद्द कर रहे हैं।
19th November, 2021