यूरीड मीडिया- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अशिक्षित लोगों को ‘भारत पर बोझ’ बताते हुए कहा कि एक अनपढ़ व्यक्ति कभी भी भारत का अच्छा नागरिक नहीं हो सकता।
संसद टीवी के साथ एक साक्षात्कार में, मंत्री ने कहा, “एक अनपढ़ आदमी देश पर कितना बड़ा बोझ बनता है। ना जो अपने संविधान के दिए हुए अधिकारो को जनता है, न स्मविधान ने हमसे जो अपेक्षा करी है वो दिन को जनता है। वो कैसा एक अच्छा नागरिक बन सकता है? इस्के और अमूलचूर परिवर्तन है।” नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन गुजरात सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि ड्रॉप दर जो 37 प्रतिशत थी, उसे घटाकर एक प्रतिशत से भी कम कर दिया गया। शाह ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह देश हित में साहसिक फैसले लेने से कभी नहीं हिचकिचाते। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम हमेशा देश के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हैं, कभी-कभी पार्टी के समर्थकों की परवाह किए बिना भी।
क्या गुजरात की स्कूल छोड़ने की दर 1 प्रतिशत से कम है?
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के स्कूलों के आयुक्तालय द्वारा ‘गुजरात राज्य में माध्यमिक / उच्च माध्यमिक शिक्षा पर सांख्यिकी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में माध्यमिक शिक्षा में ड्रॉपआउट दर 13.34 प्रतिशत है। गुजरात के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की एक अन्य रिपोर्ट ‘प्रोन्नति दर, पुनरावृत्ति दर, लिंग द्वारा छोड़ने की दर, स्कूल शिक्षा का स्तर और सामाजिक श्रेणी’ के अनुसार, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में 2019-20 में ड्रॉपआउट दर 0.96 है, क्रमशः 5.21 और 23.71।
"मोदी लोकतांत्रिक नेता"
इस दौरान अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को लोकतांत्रिक नेता बताते हुए कहा कि उनके आलोचक भी मानते हैं कि जिस तरह इस सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल काम कर रहा है, वैसा कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी सबके सुझावों को गौर से सुनते हैं।
आंकड़े
देश में 28 करोड़ से अधिक लोग अनपढ़
देश में साक्षरता दर की स्थिति
पिछले साल केंद्रीय सांख्यिकी आयोग (NSO) ने 2017-18 के राज्यवार साक्षरता दर के आंकड़े जारी किए थे।
इससे पता चला था कि भारत की औसतन साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि देश के 28 करोड़ से अधिक लोग अनपढ़ हैं।
आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में साक्षरता दर (66.4 प्रतिशत) सबसे कम और केरल में सबसे ज्यादा (96.2 प्रतिशत) है। 88.7 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है।
जानकारी
महिलाओं और पुरुषों की साक्षरता दर में भारी अंतर
NSO के आंकड़े बताते हैं कि देश की करीब 70.3 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं, वहीं पुरुषों में साक्षरता दर 84.7 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर महिला और पुरुषों की साक्षरता दर में 14 प्रतिशत से अधिक का फर्क है।
इसी तरह गांवों और शहरों की आबादी में साक्षरता दर का अंतर है।
देश में सात साल से अधिक उम्र के उस व्यक्ति को साक्षर माना जाता है, जो पढ़ और लिख सकता है।
संसद टीवी के साथ एक साक्षात्कार में, मंत्री ने कहा, “एक अनपढ़ आदमी देश पर कितना बड़ा बोझ बनता है। ना जो अपने संविधान के दिए हुए अधिकारो को जनता है, न स्मविधान ने हमसे जो अपेक्षा करी है वो दिन को जनता है। वो कैसा एक अच्छा नागरिक बन सकता है? इस्के और अमूलचूर परिवर्तन है।” नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन गुजरात सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि ड्रॉप दर जो 37 प्रतिशत थी, उसे घटाकर एक प्रतिशत से भी कम कर दिया गया। शाह ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह देश हित में साहसिक फैसले लेने से कभी नहीं हिचकिचाते। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम हमेशा देश के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हैं, कभी-कभी पार्टी के समर्थकों की परवाह किए बिना भी।
क्या गुजरात की स्कूल छोड़ने की दर 1 प्रतिशत से कम है?
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के स्कूलों के आयुक्तालय द्वारा ‘गुजरात राज्य में माध्यमिक / उच्च माध्यमिक शिक्षा पर सांख्यिकी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में माध्यमिक शिक्षा में ड्रॉपआउट दर 13.34 प्रतिशत है। गुजरात के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की एक अन्य रिपोर्ट ‘प्रोन्नति दर, पुनरावृत्ति दर, लिंग द्वारा छोड़ने की दर, स्कूल शिक्षा का स्तर और सामाजिक श्रेणी’ के अनुसार, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में 2019-20 में ड्रॉपआउट दर 0.96 है, क्रमशः 5.21 और 23.71।
"मोदी लोकतांत्रिक नेता"
इस दौरान अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को लोकतांत्रिक नेता बताते हुए कहा कि उनके आलोचक भी मानते हैं कि जिस तरह इस सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल काम कर रहा है, वैसा कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी सबके सुझावों को गौर से सुनते हैं।
आंकड़े
देश में 28 करोड़ से अधिक लोग अनपढ़
देश में साक्षरता दर की स्थिति
पिछले साल केंद्रीय सांख्यिकी आयोग (NSO) ने 2017-18 के राज्यवार साक्षरता दर के आंकड़े जारी किए थे।
इससे पता चला था कि भारत की औसतन साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि देश के 28 करोड़ से अधिक लोग अनपढ़ हैं।
आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में साक्षरता दर (66.4 प्रतिशत) सबसे कम और केरल में सबसे ज्यादा (96.2 प्रतिशत) है। 88.7 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है।
जानकारी
महिलाओं और पुरुषों की साक्षरता दर में भारी अंतर
NSO के आंकड़े बताते हैं कि देश की करीब 70.3 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं, वहीं पुरुषों में साक्षरता दर 84.7 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर महिला और पुरुषों की साक्षरता दर में 14 प्रतिशत से अधिक का फर्क है।
इसी तरह गांवों और शहरों की आबादी में साक्षरता दर का अंतर है।
देश में सात साल से अधिक उम्र के उस व्यक्ति को साक्षर माना जाता है, जो पढ़ और लिख सकता है।
11th October, 2021