यूरीड मीडिया- कांग्रेस ने प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' को बर्खास्त करने की मांग को लेकर मौन धरना दे रही है। कांग्रेस महासचिव भी लखनऊ में इस मौन धरने में शामिल हुई। इससे पहले प्रियंका ने रविवार को वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, "कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते, भले ही आप उन्हें जेल में डाल दें या उनकी पिटाई करें। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) इस्तीफा नहीं देते।
हमारी पार्टी ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है और कोई हमें चुप नहीं करा सकता। मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद लखीमपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजधानी लखनऊ के जीपीओ पार्क में एकत्र हुए और महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ उन्होंने अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी ने मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
लखीमपुर खीरी में हिंसा में तीन अक्टूबर को चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
कांग्रेस के मौन धरने पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और किसी भी तरह के दबाव से प्रभावित नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ''अगर वे 'मौन व्रत' या प्रदर्शन करना चाहते हैं तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिये बगैर कहा, ''हमारे प्रधानमंत्री दस साल से 'मौन व्रत' कर रहे थे, हो सकता है कि अगर वे 'मौन व्रत' पर बैठें तो वे प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख सकते हैं।'
हमारी पार्टी ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है और कोई हमें चुप नहीं करा सकता। मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद लखीमपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजधानी लखनऊ के जीपीओ पार्क में एकत्र हुए और महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ उन्होंने अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी ने मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
लखीमपुर खीरी में हिंसा में तीन अक्टूबर को चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
कांग्रेस के मौन धरने पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और किसी भी तरह के दबाव से प्रभावित नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ''अगर वे 'मौन व्रत' या प्रदर्शन करना चाहते हैं तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिये बगैर कहा, ''हमारे प्रधानमंत्री दस साल से 'मौन व्रत' कर रहे थे, हो सकता है कि अगर वे 'मौन व्रत' पर बैठें तो वे प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख सकते हैं।'
11th October, 2021