यूरीड मीडिया- सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन संकट को लेकर सुनवाई हो रही है. आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा है कि उसके सर्वे के मुताबिक फिलहाल दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का जरूरी स्टॉक मौजूद है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से आज 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ रही है. केंद्र ने कहा कि दिल्ली की जरूरत 700 मीट्रिक टन नहीं है. अगर ये दिल्ली में सप्लाई करते रहे तो दूसरे राज्य अभाव में रहेंगे. सरकार ने बताया कि दिल्ली के 56 प्रमुख अस्पतालों में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि उनके पास पर्याप्त स्टॉक है.
केंद्र ने सुनवाई को दौरान कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है क्योंकि सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है, तो इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि तीसरी लहर की आने की बात भी हो रही है, ऐसे में सरकार सुनिश्चित करें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी न हो. कोर्ट ने तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका पर चिंता जताई और कहा कि इसे लेकर पहले से योजना बनानी होगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'मैंने अखबार में तीसरी लहर के बारे में पढ़ा है. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ये बच्चों को प्रभावित करेगी, जरूरी है कि जब हम तीसरी लहर की योजना बनाएं, तो इस आयु वर्ग का टीकाकरण पूरा हो जाए. हमें वैज्ञानिक और समेकित तरीके से योजना बनाने की जरूरत है.'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड वेव शुरू हो सकता है. अगर बच्चे इनफेक्ट होते हैं तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे. क्या प्लान है, टीकाकरण किया जाना चाहिए, हमें इसके साथ निपटने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि वो यह नहीं कह रहे नहीं कि केंद्र की गलती है, कोर्ट कह रहा है कि वैज्ञानिक ढंग से नियोजित ढंग से तीसरी लहर से निपटने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि 'आप महामारी के चरण 2 में हैं, दूसरे चरण में भी कई मापदंड हो सकते हैं, लेकिन अगर हम आज तैयार करते हैं, तो हम चरण 3 को संभाल सकेंगे.'
केंद्र ने सुनवाई को दौरान कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है क्योंकि सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है, तो इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि तीसरी लहर की आने की बात भी हो रही है, ऐसे में सरकार सुनिश्चित करें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी न हो. कोर्ट ने तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका पर चिंता जताई और कहा कि इसे लेकर पहले से योजना बनानी होगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'मैंने अखबार में तीसरी लहर के बारे में पढ़ा है. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ये बच्चों को प्रभावित करेगी, जरूरी है कि जब हम तीसरी लहर की योजना बनाएं, तो इस आयु वर्ग का टीकाकरण पूरा हो जाए. हमें वैज्ञानिक और समेकित तरीके से योजना बनाने की जरूरत है.'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड वेव शुरू हो सकता है. अगर बच्चे इनफेक्ट होते हैं तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे. क्या प्लान है, टीकाकरण किया जाना चाहिए, हमें इसके साथ निपटने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि वो यह नहीं कह रहे नहीं कि केंद्र की गलती है, कोर्ट कह रहा है कि वैज्ञानिक ढंग से नियोजित ढंग से तीसरी लहर से निपटने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि 'आप महामारी के चरण 2 में हैं, दूसरे चरण में भी कई मापदंड हो सकते हैं, लेकिन अगर हम आज तैयार करते हैं, तो हम चरण 3 को संभाल सकेंगे.'
6th May, 2021