यूरीड मीडिया- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीआरपीएफ के कार्य में हस्तक्षेप के आरोप को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि हार से दीदी बौखला गई हैं. टीएमसी ने आपा खो दिया है और तरह-तरह की टिप्पणी कर रही है.
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने जिस प्रकार की टिप्पणी सुरक्षा बलों के लिए की हैं. यदि किसी राजनीतिक दल की अध्यक्ष ऐसा कहती हैं कि सीआरपीएफ का घेराव कर लो. ऐसा राजनीतिक जीवन में नहीं देखा है. लोगों को आराजकता की ओर ले जा रही है. यह चुनाव शांतिपूर्ण नहीं चाहती हैं. वह हर बार की तरह रैगिंग से चुनाव जीतना चाहती है. हर बार आरोप लगा रही हैं कि गृह मंत्री के सुझाव पर डिस्टर्ब कर रहा है. सीआरपीएफ जब चुनाव में लगते हैं, तो पैरा मिलिटरी पर चुनाव आयोग का कंट्रोल होता है. उनकी बौखलाहट बढ़ गई है.
अमित शाह ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले हुए. अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमले हुए. इस हमले के खिलाफ टीएमसी के एक नेता के खंडन की टिप्पणी नहीं है. ये मूक इशारा कर रहे हैं कि आप करें. सार्वजनिक जीवन में हमले की सभी निंदा करते हैं. इससे भी टीएमसी अपना आपा खो चुकी है. जिस तरह से अल्पसंख्यक वोट से अपील की है. शायद अल्पसंख्यक वोट भी खिसक रहे हैं और कहीं जा रहे हैं. शायद इस तरह की अपील किसी भी पार्टी से उचित है. इस प्रकार के काम करने की बजाय हार के कारणों का विश्लेषण करे. दीदी बंगाल की जनता आपके खिलाफ है. कानून व्यवस्था चरमा गई गई है. यहां घुसपैठ बेरोकटोक हो रही है. कोलकाता के बंगाली बाबू की चिंता है कि कोलकाता की क्या स्थिति होगी. आप सीएए का विरोध कर रही हैं. इसलिए बंगाल की जनता आपके खिलाफ है.”
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने जिस प्रकार की टिप्पणी सुरक्षा बलों के लिए की हैं. यदि किसी राजनीतिक दल की अध्यक्ष ऐसा कहती हैं कि सीआरपीएफ का घेराव कर लो. ऐसा राजनीतिक जीवन में नहीं देखा है. लोगों को आराजकता की ओर ले जा रही है. यह चुनाव शांतिपूर्ण नहीं चाहती हैं. वह हर बार की तरह रैगिंग से चुनाव जीतना चाहती है. हर बार आरोप लगा रही हैं कि गृह मंत्री के सुझाव पर डिस्टर्ब कर रहा है. सीआरपीएफ जब चुनाव में लगते हैं, तो पैरा मिलिटरी पर चुनाव आयोग का कंट्रोल होता है. उनकी बौखलाहट बढ़ गई है.
अमित शाह ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले हुए. अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमले हुए. इस हमले के खिलाफ टीएमसी के एक नेता के खंडन की टिप्पणी नहीं है. ये मूक इशारा कर रहे हैं कि आप करें. सार्वजनिक जीवन में हमले की सभी निंदा करते हैं. इससे भी टीएमसी अपना आपा खो चुकी है. जिस तरह से अल्पसंख्यक वोट से अपील की है. शायद अल्पसंख्यक वोट भी खिसक रहे हैं और कहीं जा रहे हैं. शायद इस तरह की अपील किसी भी पार्टी से उचित है. इस प्रकार के काम करने की बजाय हार के कारणों का विश्लेषण करे. दीदी बंगाल की जनता आपके खिलाफ है. कानून व्यवस्था चरमा गई गई है. यहां घुसपैठ बेरोकटोक हो रही है. कोलकाता के बंगाली बाबू की चिंता है कि कोलकाता की क्या स्थिति होगी. आप सीएए का विरोध कर रही हैं. इसलिए बंगाल की जनता आपके खिलाफ है.”
9th April, 2021