यूरीड मीडिया- प्रियंका का राजनीति में प्रवेश कांग्रेस के लिए अभिशाप बन गया है। राहुल गाँधी की क्षमता, विजन और सक्रियता को प्रियंका गाँधी अपने फार्महाउस शिमला में सीमित कर लिया है। कांग्रेस को समाप्त करने के लिए प्रियंका ही ज़िम्मेदार बनती जा रही है। प्रियंका के हरकतों से सोनिया गाँधी बहुत ही चिंतित हैं इसका ताजा उदहारण यह है कि बिहार के चुनाव में सोनिया चाहती थी राहुल गाँधी आक्रामक सियासत करते हुए तेजस्वी के साथ धुआँधार रैली करे और भाजपा को परास्त करने में अहम् भूमिका निभाए। राहुल के आश्वाशन और हस्तक्षेप के कारण ही तेजस्वी ने 70 सीटें कांग्रेस को दी थी। लेकिन सीट पाने के बाद राहुल गाँधी प्रियंका के कहने पर बिहार चुनाव में सक्रिय होने के बजाय शिमला में प्रियंका के फार्महाउस पर पिकनिक मनाने चले लगे।
जिसके कारण जीती हुई सीटें कांग्रेस हार गयी और पार्टी के पतन का एक और अध्याय जुड़ गया। प्रियंका गाँधी के सियासत में प्रवेश के बाद जिस तरह से कांग्रेस में गुटबंदी, राहुल के नेतृत्व को चुनौती मिल रही है उसको लेकर माता सोनिया बहुत ही चिंतित हैं। लेकिन राहुल और प्रियंका के आगे मजबूर हैं। कोंग्रेसियों में भी प्रियंका को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। कोंग्रेसी चाहते है कि राहुल गाँधी नेतृत्व करें और आक्रामक सियासत के साथ ही कांग्रेस की बुजुर्ग पीढ़ी के साथ सामंजस्य बना के चले लेकिन प्रियंका ऐसा होने नहीं दे रही है। प्रियंका के बारे में जनता और कोंग्रेसियों में भी आम धारना बन गयी है कि वह अपने विवादित और भ्रस्टाचार के आरोपी पति बढ़ेरा जिसे अब कांग्रेस ठठेरा कहने लगे है को बचाने में लगी हैं। राहुल के आक्रामक तेवर से गुजरात में जबरदस्त टक्कर दी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सरकारे बनवाई। कई राज्यों में कांग्रेस ने जबरदस्त टक्कर दी लेकिन प्रियंका के सियासत में आते ही कांग्रेस मिटी और सिकुड़ती जा रही है।
युवा और बुजुर्ग दोनों पीढ़ी के कोंग्रेसी हतोत्साहित है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। उन्हें लग रहा है कि अब प्रियंका की राजनीतिक शैली कांग्रेस के प्रभाव का मुख्य कारण है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका के कारण ही और सोचो समझी रणनीत के तहत राहुल गाँधी अमेठी से चुनाव हारे है। प्रियंका यह चाहती थी कि राहुल गाँधी केवल अमेठी से चुनाव लड़े लेकिन राहुल ने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा जिससे उनकी राजनीतिक भविष्य बच गया। अगर केवल अमेठी से चुनाव लड़े होते तो राहुल का भविष्य भी जो कुछ बचा है वह 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ ही समाप्त हो जाता। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता का मानना है कि सोनिया के मानसिक परेशानी के पीछे प्रियंका की सियासत ही है। 2019 में जब से प्रियंका राजनीत में आयी है कांग्रेस निरंतर कमजोर हो रही है और यही स्थिति बनी रही तो कोंग्रेसी कालीदास बन कर कांग्रेस को ही बर्बाद कर देंगे।
जिसके कारण जीती हुई सीटें कांग्रेस हार गयी और पार्टी के पतन का एक और अध्याय जुड़ गया। प्रियंका गाँधी के सियासत में प्रवेश के बाद जिस तरह से कांग्रेस में गुटबंदी, राहुल के नेतृत्व को चुनौती मिल रही है उसको लेकर माता सोनिया बहुत ही चिंतित हैं। लेकिन राहुल और प्रियंका के आगे मजबूर हैं। कोंग्रेसियों में भी प्रियंका को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। कोंग्रेसी चाहते है कि राहुल गाँधी नेतृत्व करें और आक्रामक सियासत के साथ ही कांग्रेस की बुजुर्ग पीढ़ी के साथ सामंजस्य बना के चले लेकिन प्रियंका ऐसा होने नहीं दे रही है। प्रियंका के बारे में जनता और कोंग्रेसियों में भी आम धारना बन गयी है कि वह अपने विवादित और भ्रस्टाचार के आरोपी पति बढ़ेरा जिसे अब कांग्रेस ठठेरा कहने लगे है को बचाने में लगी हैं। राहुल के आक्रामक तेवर से गुजरात में जबरदस्त टक्कर दी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सरकारे बनवाई। कई राज्यों में कांग्रेस ने जबरदस्त टक्कर दी लेकिन प्रियंका के सियासत में आते ही कांग्रेस मिटी और सिकुड़ती जा रही है।
युवा और बुजुर्ग दोनों पीढ़ी के कोंग्रेसी हतोत्साहित है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। उन्हें लग रहा है कि अब प्रियंका की राजनीतिक शैली कांग्रेस के प्रभाव का मुख्य कारण है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका के कारण ही और सोचो समझी रणनीत के तहत राहुल गाँधी अमेठी से चुनाव हारे है। प्रियंका यह चाहती थी कि राहुल गाँधी केवल अमेठी से चुनाव लड़े लेकिन राहुल ने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा जिससे उनकी राजनीतिक भविष्य बच गया। अगर केवल अमेठी से चुनाव लड़े होते तो राहुल का भविष्य भी जो कुछ बचा है वह 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ ही समाप्त हो जाता। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता का मानना है कि सोनिया के मानसिक परेशानी के पीछे प्रियंका की सियासत ही है। 2019 में जब से प्रियंका राजनीत में आयी है कांग्रेस निरंतर कमजोर हो रही है और यही स्थिति बनी रही तो कोंग्रेसी कालीदास बन कर कांग्रेस को ही बर्बाद कर देंगे।
30th November, 2020