यूरीड मीडिया- पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच कर किया है। दिल्ली से पहले हरियाणा में किसानों को भारी संघर्ष करना पड़ रहा है। एक ओर किसान जहां दिल्ली प्रवेश की जिद पर अड़े हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन उन्हें रोकने की हर कोशिश कर रहा है। इन सबके बीच हरियाणा के सभी प्रमुख मार्गों पर भारी जाम की स्थिति है।
हरियाणा के फतेहाबाद के टोहाना में किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने जेसीबी से रोड को गहरा खोदना शुरू कर दिया है। दरअसल, टोहाना क्षेत्र में पंजाब के किसान भारी संख्या में जुट गए हैं। ये सभी किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। प्रशासन उन्हें रोकने के लिए अब सड़क खोदना शुरू कर दिया है।
हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है। पंजाब के किसानों को केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए हरियाणा से लगी सीमाओं के पास इकट्ठा होता देख यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब से लगी सीमाओं पर बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली से लगी सीमाओं पर भी हरियाणा पुलिस को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।
हरियाणा में भाजपा सरकार ने कहा था कि वह किसानों के दिल्ली की ओर जुलूस निकालने के मद्देनजर 26 और 27 नवम्बर को पंजाब से लगी अपनी सीमाओं को बंद कर देगी।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़े करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब के किसान 30 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं। वे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कई इलाकों में धारा 144 भी लगा दी है। इस बीच, सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबुओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी। किसान संगठनों ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।
हरियाणा के फतेहाबाद के टोहाना में किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने जेसीबी से रोड को गहरा खोदना शुरू कर दिया है। दरअसल, टोहाना क्षेत्र में पंजाब के किसान भारी संख्या में जुट गए हैं। ये सभी किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। प्रशासन उन्हें रोकने के लिए अब सड़क खोदना शुरू कर दिया है।
हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है। पंजाब के किसानों को केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए हरियाणा से लगी सीमाओं के पास इकट्ठा होता देख यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब से लगी सीमाओं पर बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली से लगी सीमाओं पर भी हरियाणा पुलिस को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।
हरियाणा में भाजपा सरकार ने कहा था कि वह किसानों के दिल्ली की ओर जुलूस निकालने के मद्देनजर 26 और 27 नवम्बर को पंजाब से लगी अपनी सीमाओं को बंद कर देगी।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़े करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब के किसान 30 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं। वे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कई इलाकों में धारा 144 भी लगा दी है। इस बीच, सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबुओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी। किसान संगठनों ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।
26th November, 2020