यूरीड मीडिया- पीयूष गोयल की अगुवाई वाला रेलवे मंत्रालय 44 सेमी हाई स्पीड ट्रेनों के प्रोजेक्ट के लिए चीनी ज्वॉइंट कंपनी की बोली को रद्द कर सकता है. जानकारी मिली है. चीनी सरकार के स्वामित्व वाली CRRC कॉरपोरेशन टेंडर में बोली लगाने वाली एकमात्र विदेशी कंपनी है. टेंडर को चेन्नई की इंटिगरल कोच फैक्ट्री (ICF) ने जारी किया है. कुल मिलाकर छह प्रतिद्वंद्वी है जिसमें भारत हेवी इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक, मुंबई में पावरनैटिक्स इक्विपमेंट्स और हैदराबाद का मेधा ग्रुप शामिल है.
चीन की CRRC द्वारा लगाई गई बोली को डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल एंड प्रमोशन की मेक इन इंडिया पॉलिसी में मौजूद एक क्लॉज के आधार पर रद्द किए जाने की उम्मीद है. 2017 के ऑर्डर में दिए क्लॉज के मुताबिक, अगर कोई नोडल मंत्रालय इस बात को लेकर संतुष्ट है कि चीज के भारतीय सप्लायर को किसी विदेशी सरकार द्वारा खरीद में भाग लेने या मुकाबला करने के लिए मंजूरी नहीं दी जा रही है, तो वह उपयुक्त लगने पर उस देश के बोली लगाने वालों पर उस आइटम या उस नोडल मंत्रालय सं संबंधित दूसरी आइटम को लेकर प्रतिबंध या उन्हें बाहर कर सकता है.
पॉलिसी के मुताबिक, बोली लगाने वाले को एक देश से होने को कुछ मानदंडों के आधार पर माना जाता है जिसमें से एक है कि इकाई की शेयरहोल्डिंग या प्रभावी कंट्रोल को उस देश से चलाया जा रहा है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, CRRC Pioneer Electric (India), CRRC Corporation और गुरुग्राम में आधारित कंपनी का संयुक्त उद्यम है.
44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर-
चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी CRRC कॉरपोरेशन इस टेंडर में खरीदारी के लिए बड़ी प्रतिद्वंद्वी उभरी थी. 44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर को पिछले साल 100 करोड़ रुपये की लागत के साथ लॉन्च किया गया था और 35 करोड़ रुपये का संचालन शक्ति के कंपोनेंट के लिए थे. प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा टेंडर को पिछले साल 22 दिसंबर को जारी किया गया था और यह शुक्रवार को खुला था. यहल तीसरा ऐसा टेंडर है, जिसे मेक इन इंडिया ट्रेनों के लिए जारी किया गया था.
चीन की CRRC द्वारा लगाई गई बोली को डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल एंड प्रमोशन की मेक इन इंडिया पॉलिसी में मौजूद एक क्लॉज के आधार पर रद्द किए जाने की उम्मीद है. 2017 के ऑर्डर में दिए क्लॉज के मुताबिक, अगर कोई नोडल मंत्रालय इस बात को लेकर संतुष्ट है कि चीज के भारतीय सप्लायर को किसी विदेशी सरकार द्वारा खरीद में भाग लेने या मुकाबला करने के लिए मंजूरी नहीं दी जा रही है, तो वह उपयुक्त लगने पर उस देश के बोली लगाने वालों पर उस आइटम या उस नोडल मंत्रालय सं संबंधित दूसरी आइटम को लेकर प्रतिबंध या उन्हें बाहर कर सकता है.
पॉलिसी के मुताबिक, बोली लगाने वाले को एक देश से होने को कुछ मानदंडों के आधार पर माना जाता है जिसमें से एक है कि इकाई की शेयरहोल्डिंग या प्रभावी कंट्रोल को उस देश से चलाया जा रहा है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, CRRC Pioneer Electric (India), CRRC Corporation और गुरुग्राम में आधारित कंपनी का संयुक्त उद्यम है.
44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर-
चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी CRRC कॉरपोरेशन इस टेंडर में खरीदारी के लिए बड़ी प्रतिद्वंद्वी उभरी थी. 44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर को पिछले साल 100 करोड़ रुपये की लागत के साथ लॉन्च किया गया था और 35 करोड़ रुपये का संचालन शक्ति के कंपोनेंट के लिए थे. प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा टेंडर को पिछले साल 22 दिसंबर को जारी किया गया था और यह शुक्रवार को खुला था. यहल तीसरा ऐसा टेंडर है, जिसे मेक इन इंडिया ट्रेनों के लिए जारी किया गया था.
13th July, 2020