राजेन्द्र द्विवेदी, यूरीड मीडिया- अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप डब्ल्यूएचओ को लेकर चाहे जितनी बयानबाजी करें। आरोप लगाएं और उसे आर्थिक मदद देने पर रोक लगाने की घोषणा करें लेकिन ट्रंप के लिए डब्ल्यूएचओ से नाता तोड़ना आसान नहीं है। अमेरिका में फार्मा सक्यूटिकल लाबी और वैक्सीन लाबी इतनी पावरफुल है कि वह अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से नाता तोड़ने नहीं देगी। ट्रंप बार-बार डब्ल्यूएचओ को चीन की मदद करने का आरोप लगा रहे हैं और आर्थिक मदद देने से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है लेकिन यह चलने वाला नहीं है। बिना डब्ल्यूएचओ के अनुमति के अमेरिका की दवा कंपनियां और वैक्सीन कंपनियां दुनिया भर में जो व्यवसाय करती हैं अगर डब्ल्यूएचओ ने मदद नहीं किया तो अमेरिका की दवा और वैक्सीन कंपनियां बर्बाद हो जाएंगी। अमेरिका की कंपनियां कभी भी ऐसा होने नहीं देंगी कि डब्ल्यूएचओ पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका दूसरे देश की कंपनियों को दुनिया में दवा और वैक्सीन आपूर्ति करने का खुला मार्केट छोड़ दे वैसे भी ट्रम्प की किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वह बहुत ही झूठ बोलने वाला और तत्काल अपनी बातों पर से हट जाने वाला एक राष्ट्राध्यक्ष जरूर है लेकिन विश्वसनीय नहीं है। डब्ल्यूएचओ भी जानता है ट्रम्प चाहे जितना आरोप और बयानबाजी कर ले लेकिन डब्ल्यूएचओ से ज्यादा दिनों तक दूर रहना अमेरिका के लिए घाटे का सौदा होगा। अमेरिका की दवा और बैकिंग कंपनियों का दुनिया भर में वर्चस्व है। एक आकड़े के अनुसार सर्वाधिक वैक्सीन आपूर्ति करने वाली कंपनियां अमेरिका से ही ताल्लुक रखती हैं।
3rd June, 2020