यूरीड मीडिया- कोरोना वायरस की रोकथाम की मदद के लिए नेताओं में होड़ लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और राज्यों के मुख्यमंत्री तथा राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और जन प्रतिनिधि सभी सांसद व विधायक निधि से ही धन देने की घोषणा कर रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि जनता की गाढ़ी कमाई का सांसद और विधायक निधि का पैसा है इसे इन्हें व्यक्तिगत स्तर पर दान देने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। यह धनराशि जनता की गाढ़ी कमाई का जनता हित के लिए है। इसे अपनी निजी संपत्ति समझ कर के प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया गांधी, सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री और सांसद-विधायक कोरोना वायरस के रोकथाम पर देकर वाहवाही लूट रहे हैं। वास्तविक रूप से इनमें नैतिकता है तो यह सभी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी, विजय रुपाणी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार सहित सभी देश के राजनीतिक दलों को पार्टी फंड में जमा करोड़ों की राशि में से कोरोना वायरस के लिए बने फंड में देना चाहिए जबकि ऐसा कोई नहीं कर रहा है। सभी का चरित्र फंड देने में फर्जी वाह वाही लूटने जैसा है। वास्तविक रूप से मदद करना चाहते हैं तो इन सभी को पार्टी फंड से पैसा देना चाहिए। सोनिया गांधी को मीडिया को सरकारी विज्ञापन देने पर रोक लगाने का सुझाव दे रही है लेकिन यह सुझाव पार्टी फंड से पैसा देने के लिए नहीं दिया। मीडिया को दिया जाने वाला विज्ञापन 1250 करोड़ का है जबकि राजनीतिक पार्टी अपना 10% फण्ड देदे तो 5000 करोड से ज्यादा हो जाएगा।
9th April, 2020