यूरीड मीडिया- पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आवंटित मकान को तुरंत बेचने की व्यवस्था को सरकार ने खत्म कर दिया है। अब मूल आवंटी न्यूनतम 5 वर्षों के बाद ही आवंटित आवास को बेच सकेगा। इसके अलावा पीएमएवाई (शहरी ) के तहत आवास बनाने से संबंधित मानकों में कई अन्य संशोधन भी किए गए हैं। आवास विभाग ने पीएमएवाई के लिए संशोधित नीति जारी कर दिया है। दरअसल पीएमएवाई के अफॉर्डेबल- सबके लिए आवास घटक में 4 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन योजना के तहत बनाए जाने वाले मकानों की कीमत अधिक होने और कड़े मानक की वजह से कोई भी बिल्डर इस घटक के तहत मकान बनाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। इसको देखते हुए ही आवास विभाग ने इस घटक के तहत मकान बनाने संबंधी नीति में कई बदलाव किए हैं।
संशोधित नीति में बिल्डरों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई बिंदुओं को शामिल किया है। जैसे ईडब्ल्यूएस आवास की की संख्या ढाई सौ से अधिक होने पर अन्य श्रेणी के मकानों को अलग-अलग भूखंडों पर बनाने की अनुमति दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है। इसी तरह योजना में आवंटित ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के मकानों के मूल आवंटियों द्वारा मकानों को बेचे जाने की न्यूनतम अवधि 5 वर्ष कर दिया गया है ।
इससे पहले कोई भी आवंटी अपने मकान की बिक्र्ती नहीं कर सकेगा। इस घटक के तहत अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी का मकान बनाने के लिए 12 मीटर सड़क चौड़ी होने होने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इस श्रेणी के मकान अब न्यूनतम 9 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बनाए जा सकेंगे। हालांकि यह मानक दो हेक्टेयर तक के आवासीय योजना में ही लागू होगी। इसके अलावा सरकार ने मकान बनाने की कीमत भी बढ़ा दिया है। पहले ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान की कीमत साडे 4.5 लाख थी सरकार ने 1.5 लाख रुपए का इजाफा करते हुए 6 लाख कर दिया है।
संशोधित नियम नीति में किए गए हैं यह प्रमुख बदलाव
इससे पहले आवास विभाग में श्रेणीवार मकान बनाने के संबंध में क्रमश: 12, 18, 24 व 30 मीटर चौड़ी सड़क पर ही मकान बनाने का मानक तय किया था। इन मानकों को संशोधित करते हुए सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर कर दिया है। न्यूनतम 9 मीटर की चौड़ाई का मानक सिर्फ दो हेक्टेयर के क्षेत्रफल वाली आवासीय योजना में ही लागू होंगी। जबकि 2 से 5 हेक्टेयर वाली योजनाओं में 12 मीटर 5 से 10 हेक्टेयर वाली योजनाओं में 18 मीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल वाली अवासीय योजनाओं के लिए 24 मीटर चौड़ी सड़क का प्रावधान किया गया है।
संशोधित नीति में बिल्डरों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई बिंदुओं को शामिल किया है। जैसे ईडब्ल्यूएस आवास की की संख्या ढाई सौ से अधिक होने पर अन्य श्रेणी के मकानों को अलग-अलग भूखंडों पर बनाने की अनुमति दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है। इसी तरह योजना में आवंटित ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के मकानों के मूल आवंटियों द्वारा मकानों को बेचे जाने की न्यूनतम अवधि 5 वर्ष कर दिया गया है ।
इससे पहले कोई भी आवंटी अपने मकान की बिक्र्ती नहीं कर सकेगा। इस घटक के तहत अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी का मकान बनाने के लिए 12 मीटर सड़क चौड़ी होने होने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इस श्रेणी के मकान अब न्यूनतम 9 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बनाए जा सकेंगे। हालांकि यह मानक दो हेक्टेयर तक के आवासीय योजना में ही लागू होगी। इसके अलावा सरकार ने मकान बनाने की कीमत भी बढ़ा दिया है। पहले ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान की कीमत साडे 4.5 लाख थी सरकार ने 1.5 लाख रुपए का इजाफा करते हुए 6 लाख कर दिया है।
संशोधित नियम नीति में किए गए हैं यह प्रमुख बदलाव
इससे पहले आवास विभाग में श्रेणीवार मकान बनाने के संबंध में क्रमश: 12, 18, 24 व 30 मीटर चौड़ी सड़क पर ही मकान बनाने का मानक तय किया था। इन मानकों को संशोधित करते हुए सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर कर दिया है। न्यूनतम 9 मीटर की चौड़ाई का मानक सिर्फ दो हेक्टेयर के क्षेत्रफल वाली आवासीय योजना में ही लागू होंगी। जबकि 2 से 5 हेक्टेयर वाली योजनाओं में 12 मीटर 5 से 10 हेक्टेयर वाली योजनाओं में 18 मीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल वाली अवासीय योजनाओं के लिए 24 मीटर चौड़ी सड़क का प्रावधान किया गया है।
25th March, 2020