लखनऊ, यूरीड मीडिया न्यूज। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम प्रयासों के बाद प्रदेश में अराजकता बढ़ती जा रही हैं। लखनऊ से लेकर अलीगढ़, इलाहाबाद सहित कई प्रमुख शहरों में माहौल साम्प्रदायिक होता जा रहा है। तमाम कोशिशे राजनीतिक कारणों से फेल होती जा रही है। बढ़ती अराजकता के लिए भाजपा और विपक्ष के नेताओं के बड़बोलापन और अपमान जनक टिप्पणियां है। सुरक्षा के घेरों में चलने वाले पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के नेता समाज में जहर घोल रहे है। एक संप्रदाय को दूसरे संप्रदाय से लड़ाने और विवाद पैदा करने के लिए ऐसी-ऐसी भाषा बोल रहे है जिस पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नही हो रहा है। सत्ता पक्ष के नेताओं की भाषा समाज को बांटने वाली है और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों के लगातार फटकार लगाने के बाद भी कम नही हो रही हैं। गिरिराज किशोर जैसे वरिष्ठ नेता अनाप-शनाप मुस्लिम संप्रदाय को चिढ़ाने की भाषा बोल रहे है तो जवाब में ओबीसी खानदान हिन्दुओं पर अपमान जनक टिप्पणी कर रहे है। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर दोनों पक्ष जनता और देश को गुमराह कर रहे है। जिसके कारण आने वाले दिनों में प्रदेश में अराजकता और बढ़ेगी। योगी आदित्यनाथ को भी चेतावनी भरे भाषाओं पर रोक लगानी चाहिए और योगी को स्वयं भी अपने भाषणों पर संयम बरतना चाहिए। बड़े होते है उन्हें बड़प्पन दिखाना चाहिए। जिस तरह से सामाजिक ताना-बाना तोड़ने का राजनीतिक प्रयास हो रहा है उससे आने वाले दिनों में सामाजिक अराजकता फैलेगी जिसका प्रभाव प्रदेश के सर्वागीण विकास पड़ेगा।
24th February, 2020