यूरीड मीडिया- कसली गांव देवरिया के निवासी हावर्ड यूनिवर्सिटी के पढ़े 1967 बैच के आईएएस अधिकारी 75 वर्षीय नृपेंद्र मिश्रा की देखरेख में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष बनाया गया हैं। 19 फरवरी को हुई राम मंदिर ट्रस्ट की मीटिंग में महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष और मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा को बनाया गया है। ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को शामिल किया गया है। मंदिर निर्माण की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और अत्यंत विश्वसनीय रहे नृपेंद्र मिश्रा को दी गयी है। देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील के अंतर्गत कसली गांव के निवासी नृपेंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मिश्रा 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के सचिव मुख्यमंत्री रहे। 1991 में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के भी सचिव मुख्यमंत्री रहे हैं। मिश्रा भारत सरकार में भी टेलीकॉम सेक्रेटरी सहित विभिन्न पदों पर रहे हैं। मिश्रा बहुत ही मेधावी और कुशाग्र बुद्धि के छात्र रहे हैं। मात्र 22 वर्ष की उम्र में आईएएस बने और 53 वर्ष तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण पदों की ज़िम्मेदारी बहुत ही ईमानदारी और निष्ठापूर्वक निभाई है। 53 वर्ष के सार्वजनिक पदों पर रहने के बाद भी मिश्रा पर छोटा से छोटा भी भ्रष्टाचार व अन्य किसी प्रकार का आरोप नहीं है। मिश्रा की इसी योग्यता और क्षमता को देखते हुए अयोध्या के राम मंदिर निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य की ज़िम्मेदारी सर्वसम्मति से दी गयी है। मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के निर्माण में खर्च होने वाली अरबों की धनराशि में पूरी तरह ईमानदारी से खर्च होगी। ट्रस्ट के लोगों साधु संतों का धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव और भावनात्मक रूप से हिंदुत्व जुड़ाव जरूर है लेकिन भव्य मंदिर निर्माण के प्रशासनिक कार्यों का अनुभव नहीं है इसलिए नृपेंद्र मिश्रा को सर्वसम्मति से भव्य मंदिर निर्माण की ज़िम्मेदारी दी गयी है।
19th February, 2020