यूरीड मीडिया-लड़ाकू विमान राफेल हासिल करने के बाद भारत दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय भूराजनीति में ताकतवर बनकर उभरेगा। ऐसा रक्षा विशेषज्ञों का मानना है, हालांकि, हवाई क्षेत्र में चीन की ताकत का मुकाबला करने में अभी काफी वक्त लगेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को फ्रांस में 36 राफेल विमान की पहली खेप प्राप्त करेंगे, जबकि भारत के आकाश में मई 2020 में ही ये लड़ाकू विमान उड़ान भर पाएंगे।
एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के शीघ्र बाद राफेल विमान का मिलना एक गेम चेंजर है। राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं।
सेवानिवृत्त एयर मार्शल एम. मथेश्वरण ने आईएएनएस को बताया, पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है। लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है। पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है।
मिराज का उन्नत रूप और सुखोई 30 विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान हो सकता है। देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी विज्ञान और प्रौद्योगिक के मामले में चौथी पीढ़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन तुलना की दृष्टि से यह काफी छोटा विमान है। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा। लेकिन राफेल की तुलना चीन के जे-20 से नहीं की जा सकती है। चीन द्वारा घरेलू तकनीक से विकसित यह पांचवीं पीढ़ी का विमान है।
एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के शीघ्र बाद राफेल विमान का मिलना एक गेम चेंजर है। राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं।
सेवानिवृत्त एयर मार्शल एम. मथेश्वरण ने आईएएनएस को बताया, पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है। लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है। पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है।
मिराज का उन्नत रूप और सुखोई 30 विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान हो सकता है। देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी विज्ञान और प्रौद्योगिक के मामले में चौथी पीढ़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन तुलना की दृष्टि से यह काफी छोटा विमान है। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा। लेकिन राफेल की तुलना चीन के जे-20 से नहीं की जा सकती है। चीन द्वारा घरेलू तकनीक से विकसित यह पांचवीं पीढ़ी का विमान है।
8th October, 2019