यूरीड मीडिया-भारत का चांद पर जाने वाले चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) का काउंटडाउन शुरू हो गया है। यह आज दोपहर 2.43 बजे इसे लॉन्च किया जाएगा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चीफ के सिवन ने बताया कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले भारत के दूसरे यान की रविवार शाम को उल्टी गिनती 6.43 बजे से शुरू हो गई। पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था। चंद्रयान में लिक्विड कोर स्टेज पर ईंधन भरने का काम पूरा हो गया है।
गसलव Mk-III भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्चर है। इसे पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। तीन स्टेज का यह रॉकेट 4 हजार किलो के उपग्रह को 35,786 किमी से लेकर 42,164 किमी की ऊंचाई पर स्थित जियोसिनक्रोनस ऑर्बिट में पहुंचा सकता है। 10 हजार किलो के उपग्रह को 160 से 2000 किमी की लो अर्थ ऑर्बिट में पंहुचा सकता है। इस रॉकेट के माध्यम से 5 जून 2017 को जीसेट-19 और 14 नवंबर 2018 को जीसेट-29 का सफल प्रक्षेपण किया गया है। ऐसी उम्मीद है कि इसरो के मानव मिशन गगनयान को इसी रॉकेट के अत्याधुनिक अवतार से भेजा जाएगा।
इसरो ने बताया कि जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (जीएसएलवी मार्क-3) में आई तकनीकी खराबी को ठीक कर लिया गया है। बाद में इसरो ने अपने 44 मीटर लंबे जियोसिनक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) की गड़बड़ी दूर की। 640 टन वजनदार जीएसएलवी-एमके-3 को बाहुबली फिल्म के नायक के नाम पर बाहुबली का उपनाम दिया गया है।
फिल्म का नायक जिस तरह एक दृश्य में भारी लिंगम (शिवलिंग) को उठाता है उसी प्रकार यह रॉकेट 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को लेकर जाएगा। जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट की लागत 375 करोड़ रुपए है जबकि चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ रुपए है। यह रॉकेट अपनी करीब 16 मिनट की उड़ान के दौरान चंद्रयान-2 को इसकी 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।
गसलव Mk-III भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्चर है। इसे पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। तीन स्टेज का यह रॉकेट 4 हजार किलो के उपग्रह को 35,786 किमी से लेकर 42,164 किमी की ऊंचाई पर स्थित जियोसिनक्रोनस ऑर्बिट में पहुंचा सकता है। 10 हजार किलो के उपग्रह को 160 से 2000 किमी की लो अर्थ ऑर्बिट में पंहुचा सकता है। इस रॉकेट के माध्यम से 5 जून 2017 को जीसेट-19 और 14 नवंबर 2018 को जीसेट-29 का सफल प्रक्षेपण किया गया है। ऐसी उम्मीद है कि इसरो के मानव मिशन गगनयान को इसी रॉकेट के अत्याधुनिक अवतार से भेजा जाएगा।
इसरो ने बताया कि जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (जीएसएलवी मार्क-3) में आई तकनीकी खराबी को ठीक कर लिया गया है। बाद में इसरो ने अपने 44 मीटर लंबे जियोसिनक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) की गड़बड़ी दूर की। 640 टन वजनदार जीएसएलवी-एमके-3 को बाहुबली फिल्म के नायक के नाम पर बाहुबली का उपनाम दिया गया है।
फिल्म का नायक जिस तरह एक दृश्य में भारी लिंगम (शिवलिंग) को उठाता है उसी प्रकार यह रॉकेट 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को लेकर जाएगा। जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट की लागत 375 करोड़ रुपए है जबकि चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ रुपए है। यह रॉकेट अपनी करीब 16 मिनट की उड़ान के दौरान चंद्रयान-2 को इसकी 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।
22nd July, 2019