लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। नई दिल्ली आयुष्मान भारत की बढ़ती पहुंच को देखते हुए सामाजिक क्षेत्र की मेडिकल सहायता योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत मदद अब सिर्फ उन्ही को मिलेगी जो आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी नही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर दिशा निर्देश जारी किए है। दोनों ही योजनाओं में गरीब परिवारों को चिकित्सकीय सहायता दी जाती है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने यह कदम उस समय उठाया है जब उनके पास चिकित्कीय मदद के लिए बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन भी सामने आए जो आयुष्मान भारत योजना के भी लाभार्थी थे। मंत्रालय के मुताबिक जब आयुष्मान के तहत उन्हें पूरी चिकित्सकीय सहायता मिल रही है, तो फिर उन्हें किसी दूसरी योजनाओं की ओर से नहीं देखना चाहिए। गरीब परिवार को पांच लाख रूपये तक की चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसी तरह से डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन की ओर से चलाई जाने वाली चिकित्सकीय सहायता योजना में हार्ट सर्जरी में सिर्फ सवा लाख रूपये की ही सहायता दी जाती है। मंत्रालय की ओर से एससी-एसटी के लिए चलाई जाने वाली चिकित्सीकय सहायता योजना के तहत सिर्फ उन्ही परिवारों को मद्द दी जाती है। जिनका सलाना आय तीन लाख रूपये से कम होती है। इसके साथ ही इस योजना में किडनी, हार्ट, लिवर, कैंसर, मस्तिष्क की सर्जरी की आदि गंभीर बीमारियों को ही शामिल किया गया है।
17th June, 2019