यूरीड मीडिया-17 वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज नया सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र के साथ नई आशाएं तथा स्वप्न जुड़े हैं। स्वतंत्रता के बाद से इस बार के लोकसभा चुनाव ने सबसे ज्यादा महिला मतदाता तथा महिला सांसद देखी हैं। उन्होंने कहा कि कई दशकों के बाद किसी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। लोगों ने हमें देश की सेवा करने का फिर अवसर दिया है। मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि उन निर्णयों का समर्थन करें, जो जनहित में हों।
पीएम ने कहा, 'चुनाव के बाद नई लोकसभा के गठन के बाद आज पहला सदन शुरू हो रहा है। नए साथियों से परिचय का एक अवसर है। नए सपने भी जुड़ते हैं। भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं और ताकत क्या है, हर चुनाव में हम उसे अनुभव करते हैं। आजादी के बाद सबसे ज्यादा मतदान, सबसे ज्यादा महिलाओं को चुना जाना, महिला मदाताताओं का मतदान करना अनेक विशेषताओँ से भरा हुआ यह चुनाव रहा। कई दशकों के बाद एक सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ जनता ने दोबारा सेवा करने का असवर दिया है।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'पक्ष-विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष की भावना महत्व रखती है। हम आने वाले 5 सालों के लिए इस सदन की गरिमा को ऊपर उठाने का प्रयास करेंगे। देश की जनता ने सबका साथ, सबका विकास का समर्थन किया है। विपक्ष का सामर्थवान होना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी भावना हमारे लिए अहम है। मुझे उम्मीद है कि हम विपक्ष से मिलकर निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे।'
इस सत्र में केंद्रीय बजट पारित किया जाएगा और तीन तलाक जैसे अन्य महत्वपूर्ण विधेयक इसमें सरकार के एजेंडे में प्रमुख रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई लोकसभा के पहले सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने 19 जून को सभी दलों के प्रमुखों को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। लोकसभा में इस बार कई नये चेहरे होने की बात को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निचले सदन का पहला सत्र नये उत्साह और सोच के साथ शुरू होना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने सरकार के साथ बेरोजगारी, किसानों की समस्या, सूखा और प्रेस की आजादी जैसे विषय उठाये। विपक्षी दल ने जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। भाजपा ने भी रविवार को संसदीय दल की बैठक की। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार ऐसे विधेयकों को लाने में अग्रणी रहेगी जो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की भावना को परिलक्षित करें।
पीएम ने कहा, 'चुनाव के बाद नई लोकसभा के गठन के बाद आज पहला सदन शुरू हो रहा है। नए साथियों से परिचय का एक अवसर है। नए सपने भी जुड़ते हैं। भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं और ताकत क्या है, हर चुनाव में हम उसे अनुभव करते हैं। आजादी के बाद सबसे ज्यादा मतदान, सबसे ज्यादा महिलाओं को चुना जाना, महिला मदाताताओं का मतदान करना अनेक विशेषताओँ से भरा हुआ यह चुनाव रहा। कई दशकों के बाद एक सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ जनता ने दोबारा सेवा करने का असवर दिया है।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'पक्ष-विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष की भावना महत्व रखती है। हम आने वाले 5 सालों के लिए इस सदन की गरिमा को ऊपर उठाने का प्रयास करेंगे। देश की जनता ने सबका साथ, सबका विकास का समर्थन किया है। विपक्ष का सामर्थवान होना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी भावना हमारे लिए अहम है। मुझे उम्मीद है कि हम विपक्ष से मिलकर निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे।'
इस सत्र में केंद्रीय बजट पारित किया जाएगा और तीन तलाक जैसे अन्य महत्वपूर्ण विधेयक इसमें सरकार के एजेंडे में प्रमुख रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई लोकसभा के पहले सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने 19 जून को सभी दलों के प्रमुखों को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। लोकसभा में इस बार कई नये चेहरे होने की बात को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निचले सदन का पहला सत्र नये उत्साह और सोच के साथ शुरू होना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने सरकार के साथ बेरोजगारी, किसानों की समस्या, सूखा और प्रेस की आजादी जैसे विषय उठाये। विपक्षी दल ने जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। भाजपा ने भी रविवार को संसदीय दल की बैठक की। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार ऐसे विधेयकों को लाने में अग्रणी रहेगी जो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की भावना को परिलक्षित करें।
17th June, 2019