यूरीड मीडिया-बिहार में लू लगने की वजह से शनिवार को 40 लोगों की मौत हुई। वहीं कई प्रभावित लोगों को गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया है। भर्ती कराए गए लोगों में से ज्यादातर वृद्ध महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार मरने वाले 40 लोगों में से 14 गया से और 27 लोग औरंगाबाद से हैं। गया के मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लू का शिकार हुए लोगों का इलाज युद्ध स्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लू लगने से हुई लोगों की मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त की है और चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एक्स्ट्रा बेड लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही इस आपदा की स्थिति में रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी इस काम में लगाया गया है।
वहीँ दुसरी ओर मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस बुखार ने मरने वाले बच्चों की संख्या 83 पहुंच गई है। मुजफ्फरपुर जिले में हाइपोग्लाइसीमिया के कारण शनिवार को चार और बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इस महीने अब तक ऐसी 83 मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे हाइपोग्लाइसीमिया के शिकार हुए हैं, यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी।
मुजफ्फरपुर के दो सरकारी अस्पतालों- श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में इन 67 बच्चों की मौत हुई है। मुजफ्फरपुर जिला प्रशआसन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक एसकेएमसीएच में शनिवार को चार बच्चों की मौत हो गई। एक जून से 197 बच्चों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया जबकि केजरीवाल अस्पताल में 91 बच्चों को भर्ती कराया गया। इन सभी को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के संदेह में भर्ती कराया गया था लेकिन ज्यादातर हाइपोग्लाइसीमिया के पीड़ित पाए गए। इन दोनों अस्पताल में इलाज करा रहे छह बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एक्स्ट्रा बेड लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही इस आपदा की स्थिति में रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी इस काम में लगाया गया है।
वहीँ दुसरी ओर मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस बुखार ने मरने वाले बच्चों की संख्या 83 पहुंच गई है। मुजफ्फरपुर जिले में हाइपोग्लाइसीमिया के कारण शनिवार को चार और बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इस महीने अब तक ऐसी 83 मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे हाइपोग्लाइसीमिया के शिकार हुए हैं, यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी।
मुजफ्फरपुर के दो सरकारी अस्पतालों- श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में इन 67 बच्चों की मौत हुई है। मुजफ्फरपुर जिला प्रशआसन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक एसकेएमसीएच में शनिवार को चार बच्चों की मौत हो गई। एक जून से 197 बच्चों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया जबकि केजरीवाल अस्पताल में 91 बच्चों को भर्ती कराया गया। इन सभी को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के संदेह में भर्ती कराया गया था लेकिन ज्यादातर हाइपोग्लाइसीमिया के पीड़ित पाए गए। इन दोनों अस्पताल में इलाज करा रहे छह बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
16th June, 2019