यूरीड मीडिया-आयकर विभाग के करीब दर्जन भर वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने जबरन वसूली, रिश्वत और यौन उत्पीड़न के आरोप में इन अफसरों से इस्तीफा माँगा गया है। जिन अफसरों पर कार्रवाई की गई है, उनमें कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अफसर भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इस सूची में शामिल एक ज्वाइंट कमिश्नर के खिलाफ स्वयंभू धर्मगुरु चंद्रास्वामी की मदद करने के आरोपी एक व्यवसायी से जबरन वसूली तथा भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें मिली थीं। नोएडा में तैनात कमिश्नर (अपील) पद के एक आईआरएस अधिकारी पर भी गाज गिरी है। उस पर दो महिला आईआरएस अधिकारियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है।
एक अन्य आईआरएस अधिकारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 3.17 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी। यह संपत्ति कथित तौर पर पद का दुरुपयोग करके और भ्रष्ट एवं गैर-कानूनी तरीकों से अर्जित की गई थी। इस अधिकारी को समय से पहले रिटायरमेंट लेने का निर्देश दिया गया है। आयकर विभाग के एक आयुक्त के खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने आय से अधिक का मामला दर्ज किया था और उन्हें अक्टूबर 2009 में सेवा से निलंबित कर दिया था। उन्हें भी सरकार ने अनिवार्य रिटायरमेंट लेने के लिए कहा है। एक अन्य अफसर जो भ्रष्टाचार और जबरन वसूली में लिप्त था और कई गलत आदेश पारित किए थे। इन आदेशों को बाद में अपीलीय प्राधिकरण ने पलट दिया था। उसे भी सेवा से बर्खास्त किया गया है। आयुक्त स्तर के एक अन्य अधिकारी पर मुखौटा कंपनी के मामले में एक व्यवसायी को राहत देने के एवज में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। इसके अलावा उसने पद का दुरुपयोग करके चल/अचल संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगा था। उसे भी जबरिया रिटायर कर दिया गया है।
क्या है नियम 56
बता दें कि वित्त मंत्रालय रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किए जाने का प्रावधान है, जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दे सकती है. इस कदम से नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करने का मकसद पूरा होता है।
एक अन्य आईआरएस अधिकारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 3.17 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी। यह संपत्ति कथित तौर पर पद का दुरुपयोग करके और भ्रष्ट एवं गैर-कानूनी तरीकों से अर्जित की गई थी। इस अधिकारी को समय से पहले रिटायरमेंट लेने का निर्देश दिया गया है। आयकर विभाग के एक आयुक्त के खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने आय से अधिक का मामला दर्ज किया था और उन्हें अक्टूबर 2009 में सेवा से निलंबित कर दिया था। उन्हें भी सरकार ने अनिवार्य रिटायरमेंट लेने के लिए कहा है। एक अन्य अफसर जो भ्रष्टाचार और जबरन वसूली में लिप्त था और कई गलत आदेश पारित किए थे। इन आदेशों को बाद में अपीलीय प्राधिकरण ने पलट दिया था। उसे भी सेवा से बर्खास्त किया गया है। आयुक्त स्तर के एक अन्य अधिकारी पर मुखौटा कंपनी के मामले में एक व्यवसायी को राहत देने के एवज में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। इसके अलावा उसने पद का दुरुपयोग करके चल/अचल संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगा था। उसे भी जबरिया रिटायर कर दिया गया है।
क्या है नियम 56
बता दें कि वित्त मंत्रालय रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किए जाने का प्रावधान है, जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दे सकती है. इस कदम से नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करने का मकसद पूरा होता है।
11th June, 2019