लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। लोकसभा चुनाव का कारवां धीरे-धीरे पूर्वाचल की ओर बढ़ चला है। एक समय पूर्वांचल सपा-बसपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन वर्ष 2014 में ऐसी लहर चली कि आजमगढ़ छोड़कर सभी सीटे भाजपा के खाते में चली गई।उप चुनाव में गोरखपुर जैसी महत्वपूर्ण संसदीय सीट गठबंधन झटकने में सफल रही। पूर्वाचल की अगर 21 सीटों का बात की जाय तो गोरखपुर उपचुनाव और आजमगढ़ को छोड़कर सभी सीटे भाजपा के पास है। गठबंधन के लिए पूर्वांचल में खोने के लिए कुछ भी नही बल्कि पाने के लिए पूरा जहां है। पूर्वाचल में चुनाव 12 और 19 मई को हैं।
नरेन्द्र मोदी वाराणसी में पहली बार 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने आए, उन्होंने नारा दिया न मैं आया हूँ, न मुझे भेजा गया, मां गंगा ने बुलाया मुझे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकी। नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करते हुए उन्हें 3.71 लाख वोटों से मात दी। अब पीएम नरेन्द्र मोदी के मेगा शो के तैयारियां तेजी में है और वह 26 अप्रैल को ही नामांकन कर मैदान में उतरेंगे। समाजवादी पार्टी से शालिनी यादव चुनाव मैदान में है कांग्रेस ने यह अभी पत्ते नही खोले है। चर्चा है कि यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री से मोर्चा ले सकती है। यदि ऐसा हुआ तो मुकाबला रोचक होता तय है।
गोरखपुर संसदीय से योगी आदित्यनाथ 2014 में चुनाव जीते, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद हुए उप चुनाव में गठबंधन ने यहा से जीत दर्ज की।तीसरा सीट आजमगढ़ से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ थे और वह जीते थे। आजमगढ़ सीट से सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव है। कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार नहीं दिया है और भाजपा ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा है।
नरेन्द्र मोदी वाराणसी में पहली बार 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने आए, उन्होंने नारा दिया न मैं आया हूँ, न मुझे भेजा गया, मां गंगा ने बुलाया मुझे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकी। नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करते हुए उन्हें 3.71 लाख वोटों से मात दी। अब पीएम नरेन्द्र मोदी के मेगा शो के तैयारियां तेजी में है और वह 26 अप्रैल को ही नामांकन कर मैदान में उतरेंगे। समाजवादी पार्टी से शालिनी यादव चुनाव मैदान में है कांग्रेस ने यह अभी पत्ते नही खोले है। चर्चा है कि यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री से मोर्चा ले सकती है। यदि ऐसा हुआ तो मुकाबला रोचक होता तय है।
गोरखपुर संसदीय से योगी आदित्यनाथ 2014 में चुनाव जीते, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद हुए उप चुनाव में गठबंधन ने यहा से जीत दर्ज की।तीसरा सीट आजमगढ़ से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ थे और वह जीते थे। आजमगढ़ सीट से सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव है। कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार नहीं दिया है और भाजपा ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा है।
25th April, 2019