लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। दोनों मंडलों के किसान इस समय दोहरी मार झेलने को विवश है। मिलों के भुगतान न करने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं खेत में खड़ा गन्ना देखकर पूंजी भी डूबने का डर सताने लगा है। जबकि एक लाख रूपये का गन्ना पैदा होता है यदि गन्ना क्रशर पर बेचना पड़ा तो बमुश्किल लागत ही मिल पाती है जिले में अभी आधे से ज्यादा गन्ना खेतों में खड़ा है जबकि मिलों की पेराई सत्र भी समाप्त होने वाला है। मिलें बंद होने पर गन्ना औने-पौने दाम में बेचना पड़ेगा। साथ ही तपिश बढ़ने के साथ ही गन्ने की छिलाई मुश्किल होती जाएगी और इस पर मजदूरी का लागत भी बढ़ना तय है।
25th April, 2019