यूरीड मीडिया-बुधवार को जेट एयरवेज़ ने अमृतसर से मुंबई तक आखिरी उड़ान भरी। एयरलाइन पर एक अरब डॉलर (तकरीबन 7000 करोड़ रुपये) से ज़्यादा का कर्ज़ है और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के नेतृत्व वाले देनदारों ने कंपनी को इमरजेंसी कर्ज़ देने से इनकार कर दिया है। एक वक्त था जेट एयरवेज़ 100 से ज़्यादा प्लेन उड़ाती थी और इसे भारत की नंबर वन एयरलाइन कहा जाता था।
लेकिन पिछले कुछ महीनों से जेट में आर्थिक परेशानियों की खबरें आने शुरू हो गई थीं और लोगों की सैलरी में देरी होनी लगी। कर्ज़दारों के कर्ज़ न लौटा पाने के कारण एयरलाइन को अपनी अपनी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक देनी पड़ीं। जेट की आर्थिक चुनौतियों के लिए डॉलर के मुकाबले रुपए में कमज़ोरी, स्पाइस जेट, इंडिगो जैसी सस्ते किरायों वाली एयरलाइन्स से कंपीटीशन, तेल के दामों में उथल-पुथल जैसे कारणों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।
इसके अलावा जानकार एयर सहारा को खरीदने के फ़ैसले और मैनेजमेंट के काम करने के अंदाज़ को भी जेट की ख़राब आर्थिक हालात के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं।
जेट एयरवेज़ के पे-रोल पर 16,000 कर्मचारी हैं। इसके अलावा करीब 6,000 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं गुरुवार को जेट एयरवेज़ के सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
लेकिन पिछले कुछ महीनों से जेट में आर्थिक परेशानियों की खबरें आने शुरू हो गई थीं और लोगों की सैलरी में देरी होनी लगी। कर्ज़दारों के कर्ज़ न लौटा पाने के कारण एयरलाइन को अपनी अपनी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक देनी पड़ीं। जेट की आर्थिक चुनौतियों के लिए डॉलर के मुकाबले रुपए में कमज़ोरी, स्पाइस जेट, इंडिगो जैसी सस्ते किरायों वाली एयरलाइन्स से कंपीटीशन, तेल के दामों में उथल-पुथल जैसे कारणों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।
इसके अलावा जानकार एयर सहारा को खरीदने के फ़ैसले और मैनेजमेंट के काम करने के अंदाज़ को भी जेट की ख़राब आर्थिक हालात के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं।
जेट एयरवेज़ के पे-रोल पर 16,000 कर्मचारी हैं। इसके अलावा करीब 6,000 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं गुरुवार को जेट एयरवेज़ के सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
19th April, 2019