अवसर मिला तो यह बता दूंगा कि सांसद की ताक़त कितनी होती है
यूरीड मीडिया-गोंडा के पूर्व जिलाधिकारी राम बहादुर पर चुनाव लड़ने के दवाब बढ़ता जा रहा है। गोंडा संसदीय क्षेत्र के विभिन्न जाति धर्म और आयु के मतदाता लगातार राम बहादुर के संपर्क में है और उनसे चुनाव लड़ने के लिए दवाब बना रहे हैं। जिलाधिकारी के रूप में राम बहादुर काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने जिले के बड़े बड़े दबंग नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की और आम जनता को न्याय दिलाया। वर्तमान हालात में किसी भी राजनीतिक दल के पास ऐसे प्रत्याशी नहीं है जो गोंडा की जनता को दबंग नेताओं से छुटकारा दिला सके। सपा बसपा गठबंधन से पंडित सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किया। कांग्रेस ने विभाजित अपना दल के सोने लाल पटेल की पत्नी वाले फ्रंट को समझौते में गोंडा सीट दी हैं। जबकि सोने लाल की बेटी अनुप्रिया पटेल का भाजपा से समझौता है और वह केंद्रीय राज्य मंत्री है इसलिए कुर्मी बिरादरी का वोट कांग्रेस के गठबंधन वाले अपना दल को मिलना नामुमकिन है। कांग्रेस का गोंडा इकाई राम बहादुर को समर्थन दे रहा है। अतिपिछड़ों के कई संगठन अपना समर्थन दे रहे हैं। जिलाधिकारी के रूप में एक जाति विशेष के दबंग नेताओं से गरीबों, दलितों, किसानों और हर वर्ग के जनता को राम बहादुर ने न्याय दिलाया है। राम बहादुर ने बताया है कि गोंडा जनपद और संसदीय क्षेत्र के कई अराजनैतिक एवं स्वमसेवी संगठन जिनकी उन्होंने जिलाधिकारी के रूप में मदद की थी उन्होंने भी लिखित रूप में चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है।
अल्पसंख्यक, सवर्ण एवं पिछड़े तथा दलितों के कई संगठन और नेता लगातार चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। राम बहादुर का कहना है कि जनभावनाओं को देखते
हुए मैं चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा हूँ और निर्णय अतिशीघ्र करूँगा। उनका कहना है कि सांसद की ताक़त बहुत होती है केंद्र और प्रदेश में किसी की भी सरकार हो अगर सांसद ईमानदार है। जनता के प्रति समर्पण है और योजनाओं की जानकारी रखता है तो केंद्र और प्रदेश सरकारों से आबादी के हिसाब से विभिन्न योजनाओं के लिए इतनी धनराशि मिलती है कि वह संसदीय क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ईमानदारी से करा सकता है। राम बहादुर कहते है कि जिलाधिकारी के रूप में गोंडा जनपद में यह देखा है और असलियत भी है जिसे जनता भी जानती है कि गोंडा से चुने हुए सांसदों ने सत्ता और पद का उपयोग अपने विकास के लिए किया है क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया। जिसका परिणाम है कि गोंडा संसदीय क्षेत्र देश के अतिपिछड़े क्षेत्रों में आता है। राम बहादुर का दावा है कि सरकार किसी की भी हो अगर उन्हें अवसर मिला तो गोंडा की जनता को एहसास करा देंगे कि सांसद की ताक़त और उनका प्रभाव कितना होता है।
यूरीड मीडिया-गोंडा के पूर्व जिलाधिकारी राम बहादुर पर चुनाव लड़ने के दवाब बढ़ता जा रहा है। गोंडा संसदीय क्षेत्र के विभिन्न जाति धर्म और आयु के मतदाता लगातार राम बहादुर के संपर्क में है और उनसे चुनाव लड़ने के लिए दवाब बना रहे हैं। जिलाधिकारी के रूप में राम बहादुर काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने जिले के बड़े बड़े दबंग नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की और आम जनता को न्याय दिलाया। वर्तमान हालात में किसी भी राजनीतिक दल के पास ऐसे प्रत्याशी नहीं है जो गोंडा की जनता को दबंग नेताओं से छुटकारा दिला सके। सपा बसपा गठबंधन से पंडित सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किया। कांग्रेस ने विभाजित अपना दल के सोने लाल पटेल की पत्नी वाले फ्रंट को समझौते में गोंडा सीट दी हैं। जबकि सोने लाल की बेटी अनुप्रिया पटेल का भाजपा से समझौता है और वह केंद्रीय राज्य मंत्री है इसलिए कुर्मी बिरादरी का वोट कांग्रेस के गठबंधन वाले अपना दल को मिलना नामुमकिन है। कांग्रेस का गोंडा इकाई राम बहादुर को समर्थन दे रहा है। अतिपिछड़ों के कई संगठन अपना समर्थन दे रहे हैं। जिलाधिकारी के रूप में एक जाति विशेष के दबंग नेताओं से गरीबों, दलितों, किसानों और हर वर्ग के जनता को राम बहादुर ने न्याय दिलाया है। राम बहादुर ने बताया है कि गोंडा जनपद और संसदीय क्षेत्र के कई अराजनैतिक एवं स्वमसेवी संगठन जिनकी उन्होंने जिलाधिकारी के रूप में मदद की थी उन्होंने भी लिखित रूप में चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है।
अल्पसंख्यक, सवर्ण एवं पिछड़े तथा दलितों के कई संगठन और नेता लगातार चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। राम बहादुर का कहना है कि जनभावनाओं को देखते
हुए मैं चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा हूँ और निर्णय अतिशीघ्र करूँगा। उनका कहना है कि सांसद की ताक़त बहुत होती है केंद्र और प्रदेश में किसी की भी सरकार हो अगर सांसद ईमानदार है। जनता के प्रति समर्पण है और योजनाओं की जानकारी रखता है तो केंद्र और प्रदेश सरकारों से आबादी के हिसाब से विभिन्न योजनाओं के लिए इतनी धनराशि मिलती है कि वह संसदीय क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ईमानदारी से करा सकता है। राम बहादुर कहते है कि जिलाधिकारी के रूप में गोंडा जनपद में यह देखा है और असलियत भी है जिसे जनता भी जानती है कि गोंडा से चुने हुए सांसदों ने सत्ता और पद का उपयोग अपने विकास के लिए किया है क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया। जिसका परिणाम है कि गोंडा संसदीय क्षेत्र देश के अतिपिछड़े क्षेत्रों में आता है। राम बहादुर का दावा है कि सरकार किसी की भी हो अगर उन्हें अवसर मिला तो गोंडा की जनता को एहसास करा देंगे कि सांसद की ताक़त और उनका प्रभाव कितना होता है।
22nd March, 2019