यूरीड मीडिया-कुछ दिन पहले भी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत और सत्ता में वापसी की कामना कर चुके हैं वरिष्ठ और कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव ने यूपी में सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोला है और इस बात पर आपत्ति जाहिर की है कि अखिलेश यादव इस गठबंधन में आधी सीटों पर राजी हो गए।
मुलायम ने पूछा है कि आखिर कैसे अखिलेश यादव ऐसे गठबंधन के लिए राजी हो गए जिसमें समाजवादी पार्टी के हिस्से में आधी सीटें आई हैं। मुलायम ने तो ये तक कहा कि पार्टी के लोग ही पार्टी को खत्म करने में जुटे हैं। महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं मिल रही. हमने इतनी बड़ी पार्टी बनाई, लेकिन पार्टी को अब कमजोर किया जा रहा है। मुलायम ने कहा कि सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 25-26 सीटें ही जीत सकते हैं।
मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'मैंने अखिलेश से कहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दो जिससे को तैयारी कर सकें। बीजेपी तैयारियों के मामले में हमसे आगे निकल गई है। हमने 14 महीने पहले उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिया था और बड़ी जीत मिली थी लेकिन अखिलेश अभी तक टिकट ही नहीं तय कर पाए।' उन्होंने कहा कि कि जीतने वाले नेताओं को टिकट दो।
ये पहली बार है जब मुलायम सिंह यादव ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कुछ बोले है। मुलायम को आपत्ति इस बात पर है कि उनके बेटे अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले ही आधी से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी आखिर कैसे छोड़ दी। यूपी से इस समय सपा के सात सांसद हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। मुलायम ने सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाकर एक तरह से अपने छोटे भाई और अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव के सुर में सुर मिलाया है जिन्होंने अलग पार्टी बनाकर सपा के खिलाफ बिगुल फूंका हुआ है।
इसके पहले भी 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तब भी मुलायम सिंह ने सवाल एतराज जाहिर किया था और वह शिवपाल यादव और पारसनाथ यादव की सीट को छोड़कर किसी भी अन्य सीट पर प्रचार करने नहीं गए थे। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब मुलायम ने अखिलेश यादव को अपने बयान से असहज किया है। इससे पहले 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ मिलजुलकर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री मोदी को हमारी बधाई और हमारी कामना है कि वह फिर से चुनकर आएं और प्रधानमंत्री बनें। मुलायम के इस बयान को बीजेपी ले उड़ी और लगातार अखिलेश पर हमला करने के लिए इसका इस्तेमाल भी कर रही है। ऐसे में मुलायम का नया बयान अखिलेश यादव की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
मुलायम ने पूछा है कि आखिर कैसे अखिलेश यादव ऐसे गठबंधन के लिए राजी हो गए जिसमें समाजवादी पार्टी के हिस्से में आधी सीटें आई हैं। मुलायम ने तो ये तक कहा कि पार्टी के लोग ही पार्टी को खत्म करने में जुटे हैं। महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं मिल रही. हमने इतनी बड़ी पार्टी बनाई, लेकिन पार्टी को अब कमजोर किया जा रहा है। मुलायम ने कहा कि सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 25-26 सीटें ही जीत सकते हैं।
मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'मैंने अखिलेश से कहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दो जिससे को तैयारी कर सकें। बीजेपी तैयारियों के मामले में हमसे आगे निकल गई है। हमने 14 महीने पहले उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिया था और बड़ी जीत मिली थी लेकिन अखिलेश अभी तक टिकट ही नहीं तय कर पाए।' उन्होंने कहा कि कि जीतने वाले नेताओं को टिकट दो।
ये पहली बार है जब मुलायम सिंह यादव ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कुछ बोले है। मुलायम को आपत्ति इस बात पर है कि उनके बेटे अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले ही आधी से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी आखिर कैसे छोड़ दी। यूपी से इस समय सपा के सात सांसद हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। मुलायम ने सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाकर एक तरह से अपने छोटे भाई और अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव के सुर में सुर मिलाया है जिन्होंने अलग पार्टी बनाकर सपा के खिलाफ बिगुल फूंका हुआ है।
इसके पहले भी 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तब भी मुलायम सिंह ने सवाल एतराज जाहिर किया था और वह शिवपाल यादव और पारसनाथ यादव की सीट को छोड़कर किसी भी अन्य सीट पर प्रचार करने नहीं गए थे। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब मुलायम ने अखिलेश यादव को अपने बयान से असहज किया है। इससे पहले 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ मिलजुलकर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री मोदी को हमारी बधाई और हमारी कामना है कि वह फिर से चुनकर आएं और प्रधानमंत्री बनें। मुलायम के इस बयान को बीजेपी ले उड़ी और लगातार अखिलेश पर हमला करने के लिए इसका इस्तेमाल भी कर रही है। ऐसे में मुलायम का नया बयान अखिलेश यादव की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
21st February, 2019