लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनायी गयी फिल्म में पत्रकार संजय बारू का रोल तथ्यहीन एवं फ्राड पर आधारित है। अनुपमखेर ने मनमोहन सिंह का रोल अच्छा किया है लेकिन संजय बारू की मनमोहन के साथ किये गये व्यवहार को गलत तथ्यों पर फिल्माया है। संजय बारू की इतनी हैसियत नही थी कि मनमोहन सिंह जैसे शालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल से फिल्म में दिखाया गया जैसा व्यवहार कर पाते। फिल्म पूरी तरह तथ्यविहिन और सोनिया, राहुल को अपमानित करने तथा भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी है। अनुपम खेर जैसे कलाकार को एक राजनीतिक दल के लिए कार्य नही करना चाहिए। देश की जनता और युवा पीढ़ी सभी जानते है कि एक पत्रकार के रूप में किसी की हैसियत ऐसी नही हो सकती है जैसा संजय बारू का दिखाया गया है। पूरी फिल्म में संजय बारू को ऐसा दिखाया गया है कि जैसे कि वह बहुत ईमानदार और चरित्रवान पत्रकार रहे है। जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है संजय बारू ने मनमोहन सिंह के कार्यकाल में काफी पैसे कमाये है और शिकायत होने पर मनमोहन सिंह ने संजय बारू को पीएमओं से बाहर किया जिसके कारण नाराज होकर तथ्यहीन घटनाओं पर पुस्तक लिखी। अनुपम खेर जैसे कलाकर पैसे लेकर मोदी के पक्ष में फिल्म बना दी सेंसरबोर्ड ने पास कर दिया लेकिन जनता ने फिल्म को नकार दिया। जिस तरह से एक्सीडेन्टल प्राइम मिनिस्टर का प्रचार प्रसार सुनियोजित तरीके से अनुपम खेर मीडिया के माध्यम से कर रहे थे वह फ्लाप हो गया। फिल्म को देखने के बाद स्पष्ट दिखायी देता है कि संजय बारू दलाली के मामले में पीएमओ से निकाले गये थे प्रतिशोध में पुस्तक लिखी और अनुपम खेर अपनी सांसद पत्नी को खुश करने तथा प्रधानमंत्री के लिए चुनावी एजेन्डा बनाने के लिए एक्सीडेन्टल प्राइम मिनिस्ट फिल्म बनायी है।
17th January, 2019