नई दिल्ली, यूरिड न्यूज़। बसपा प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस के किसान कर्जमाफी पर सवाल खड़े किए हैं। जबकि कांग्रेस इसी कर्जमाफी को लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी सियासी बिसात बिछाने में जुटी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मात देकर सत्ता में वापसी करना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के इस पर उन्होंने अटैक करके अपनी राजनीतिक एजेंडे की लकीर खींचने की कवायद की है।
किसानों के सहारे सियासी जमीन तलाश रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए कर्जमाफी ट्रंप कार्ड माना जा रहा है. हाल ही में तीन राज्यों में कर्जमाफी के वादे ने कांग्रेस को तीन राज्यों की सत्ता में वापसी की राह बनी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बनी कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के वादे को सरकार बनने के फौरन बाद अमलीजामा पहनाया। कांग्रेस इसे अपनी बड़ी सफलता मान रही है।
किसानों की कर्जमाफी की जिस राह पर कांग्रेस चली है, उस पर उसे बड़ा सियासी फायदा 2019 के नजर आ रहे है। ऐसे में बसपा अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस के कर्जमाफी के गुब्बारे में सुई चुभाकर हवा निकालने की कोशिश की। मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों कर्जमाफी के नाम पर धोखा दिया है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनी, जहां उन्होंने किए गए किसानों की कर्जमाफी के नाम पर छला है। किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की जानी चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कर्ज लेने वाले किसानों का थोड़ा सा कर्ज माफ करने से उन्हें राहत मिलने वाली नहीं है। कर्जदार किसानों की मुश्किलें अगर खत्म नहीं हुईं तो उनकी आत्महत्याएं बंद नहीं हो पाएंगी।
मायावती ने कहा कि कहा कि किसानों की कर्जमाफी की जगह ठोस नीति बनाई जाए और किसानों के लिए आय के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने देश में सबसे ज्यादा समय तक राज किया है। कांग्रेस की नीतियों के चलते ही देश में कई राजनीतिक पार्टियां बनी। 1984 में बसपा के बाद कई राजनीतिक दल बने, लेकिन उनकी सोच कांग्रेस से अलग नहीं। ऐसे में कांग्रेस एंड कंपनी को चुनाव में सबक सिखाएं।
15th January, 2019