लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज।1984 सिख दंगो में शामिल रहे कांग्रेस नेता कमलनाथ जिनकी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही बोली बदल गयी और सस्ती लोकप्रियता के लिए उत्तर प्रदेश और विहार की 30 करोड़ जनता कोे अपमानित करने का बयान दिया। कमलनाथ यह भूल जाते है कि वह कानपुर में पैदा हुए पश्चिम बंगाल में पढ़ाई की और देश भर में व्यवशाय फैले हुए है। 1980 से सांसद है और केन्द्र में मंत्री भी रहे है। 120 संसदीय क्षेत्रों वाले यू.पी. विहार को अपमानित करने मेें देरी नही की। कमलनाथ पहले नेता नही है। जो यू.पी. और विहार को अपमानित किया है। इसके पहले महाराष्ट्र शिवसेना और दिल्ली में शीला दीक्षित भी ऐसा बयान दे चुकी है। यू.पी. विहार के कारण ही महाराष्ट्र और दिल्ली वासियों को सुविधाएं और रोजगार नही मिल पा रहे हैं। इसी तरह कीआवाज यू.पी. विहार को अपमानित करने के लिए दक्षिण के राज्यों में भी उठ चुकी है। यू.पी.विहार को अपमानित करने के लिए बयान देने वाले नेताओं से ज्यादा जिनमें जिम्मेदार उत्तर प्रदेश के नेता है। जिन्होंने विकास के नाम पर उत्तर प्रदेश को लूटा है मंदिर मस्जिद और जाति-धर्म की सियासत करके उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर दिया।
आजादी के बाद से ही उत्तर प्रदेश उपेक्षा का शिकार रहा है। नेहरू गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से भावनात्मक नाता जोड़कर वर्षो तक सत्ता में रहे लेकिन विकास के लिए आवश्कतानुसार जनसंख्या को देखते हुए कार्ययोजनाएं नही बनी और उद्योग धंधे नही लगें। नेताओं ने अपने सियासीत फायदे के लिए उत्तर प्रदेश को जाति-धर्म में विभाजित करके लूटा है। जिसका परिणाम यह है कि आज उत्तर प्रदेश में गरीबी, बेरोजगारी बढ़ी है सामाजिक समरसता टूटी है और आजादी के 70 वर्षो बाद भी उत्तर प्रदेश अति-पिछड़े राज्य में शामिल है। गरीबों को रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है जिसके कारण अपमानित किये जा रहे है।
आजादी के बाद से ही उत्तर प्रदेश उपेक्षा का शिकार रहा है। नेहरू गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से भावनात्मक नाता जोड़कर वर्षो तक सत्ता में रहे लेकिन विकास के लिए आवश्कतानुसार जनसंख्या को देखते हुए कार्ययोजनाएं नही बनी और उद्योग धंधे नही लगें। नेताओं ने अपने सियासीत फायदे के लिए उत्तर प्रदेश को जाति-धर्म में विभाजित करके लूटा है। जिसका परिणाम यह है कि आज उत्तर प्रदेश में गरीबी, बेरोजगारी बढ़ी है सामाजिक समरसता टूटी है और आजादी के 70 वर्षो बाद भी उत्तर प्रदेश अति-पिछड़े राज्य में शामिल है। गरीबों को रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है जिसके कारण अपमानित किये जा रहे है।
19th December, 2018