कांग्रेस ने तीन दिन बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री नाम का ऐलान कर दिया है। राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री के लिए अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम के लिए सचिन पायलट के नाम पर मुहर लगाई है। राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 के आने के बाद अशोक गहलोत का नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था, जबकि दूसरे नंबर पर सचिन पायलट का नाम चल रहा था। अब वो डिप्टी सीएम बनने जा रहे हैं।
लेकिन इन सभी कयासों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने विराम लगाते हुए राजस्थान की कमान अशोक गहलोत के हाथ में दे दी है। पार्टी में अहम भूमिका निभाने वालों में अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस में सबसे आगे आता है। राजस्थान चुनाव में अशोक गहलोत ही मुख्य भूमिका निभाई थी। अशोक गहलोत कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक माने जाते हैं।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की रेस में अशोक गहलोत पहले से ही आगे चल रहे थे। वहीं सचिन पायलट भी उनको कड़ी टक्कर दे रहे थे। जिसको लेकर दिल्ली में दोनों को तलब किया गया। दिल्ली में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने दोनों से मुलाकात की और अपना फैसला सुना कर सभी को वापस राजस्थान भेज दिया।
राजभन में शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में नई सरकार को लेकर शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बड़ी संख्या में सफाई और अन्य कर्मचारी काम पर लगे हैं।
कांग्रेस ने दी थी अशोक गहलोत को ये जिम्मेदारी
अशोक गहलोत को 9 महीने पहले ही प्रदेश की कमान दी थी। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को हर मोर्चे पर निभाई। गहलोत को जनार्दन द्विवेदी की जगह कांगेस का संगठन महासचिव बनाया गया।
सचिन पायलट का उत्तर प्रदेश से है नाता
उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके में सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग को लेकर गुर्जर समाज के युवाओं ने राज्य में स्टेट हाइवे को जाम कर दिया । गुर्जर समाज के युवाओं की ओर से किये गए सड़क जाम से यातायात बाधित हो गया। गुर्जर नेता राजकुमार चौधरी ने बताया कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री न बनाये जाने से गुर्जर समाज मे रोष की स्थिति बनी हुई है । मौके पर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी भी की ।
दोनों के समर्थकों के बीच चला विवाद
राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए बीते 3 दिनों से घमासान चल रहा था। इसको लेकर दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों के बीच उठापटक अब थम चुकी है। दोनों के समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम बनाने के लिए जयपुर कांग्रेस कार्यालय के बाहर डटे हुए थे। इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने काफी प्रदर्शन किया। यहां तक की सचिन के एक एमएलए ने उन्हें सीएम ना बनाने पर धमकी भी दी थी।
कांग्रेस हाई कमांड ने लगाई अंतिम मुहर
कुर्सी को लेकर काफी दिनों तक जयपुर और दिल्ली में बैठकों का दौर भी चला। जयपुर में हुई विधायक दल की बैठक में बहुमत से सीएम के नाम पर मुहर लगा दी गई। लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस हाई कमांड के ऊपर छोड़ दिया गया। यहां भी राहुल गांधी ने हर मौके पर दोनों नेताओं से काफी देर देर तक बातचीत की और अंत में फैसला लिया गया कि प्रदेश में सीएम के तौर पर तजुर्बेदार यानि अशोक गहलोत को सीएम बनाया जाए और डिप्टी सीएम के लिए सचिन पायलट के नाम पर मुहर लगाई गई।
लेकिन इन सभी कयासों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने विराम लगाते हुए राजस्थान की कमान अशोक गहलोत के हाथ में दे दी है। पार्टी में अहम भूमिका निभाने वालों में अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस में सबसे आगे आता है। राजस्थान चुनाव में अशोक गहलोत ही मुख्य भूमिका निभाई थी। अशोक गहलोत कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक माने जाते हैं।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की रेस में अशोक गहलोत पहले से ही आगे चल रहे थे। वहीं सचिन पायलट भी उनको कड़ी टक्कर दे रहे थे। जिसको लेकर दिल्ली में दोनों को तलब किया गया। दिल्ली में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने दोनों से मुलाकात की और अपना फैसला सुना कर सभी को वापस राजस्थान भेज दिया।
राजभन में शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में नई सरकार को लेकर शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बड़ी संख्या में सफाई और अन्य कर्मचारी काम पर लगे हैं।कांग्रेस ने दी थी अशोक गहलोत को ये जिम्मेदारी
अशोक गहलोत को 9 महीने पहले ही प्रदेश की कमान दी थी। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को हर मोर्चे पर निभाई। गहलोत को जनार्दन द्विवेदी की जगह कांगेस का संगठन महासचिव बनाया गया।सचिन पायलट का उत्तर प्रदेश से है नाता
उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके में सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग को लेकर गुर्जर समाज के युवाओं ने राज्य में स्टेट हाइवे को जाम कर दिया । गुर्जर समाज के युवाओं की ओर से किये गए सड़क जाम से यातायात बाधित हो गया। गुर्जर नेता राजकुमार चौधरी ने बताया कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री न बनाये जाने से गुर्जर समाज मे रोष की स्थिति बनी हुई है । मौके पर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी भी की ।दोनों के समर्थकों के बीच चला विवाद
राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए बीते 3 दिनों से घमासान चल रहा था। इसको लेकर दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों के बीच उठापटक अब थम चुकी है। दोनों के समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम बनाने के लिए जयपुर कांग्रेस कार्यालय के बाहर डटे हुए थे। इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने काफी प्रदर्शन किया। यहां तक की सचिन के एक एमएलए ने उन्हें सीएम ना बनाने पर धमकी भी दी थी।कांग्रेस हाई कमांड ने लगाई अंतिम मुहर
कुर्सी को लेकर काफी दिनों तक जयपुर और दिल्ली में बैठकों का दौर भी चला। जयपुर में हुई विधायक दल की बैठक में बहुमत से सीएम के नाम पर मुहर लगा दी गई। लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस हाई कमांड के ऊपर छोड़ दिया गया। यहां भी राहुल गांधी ने हर मौके पर दोनों नेताओं से काफी देर देर तक बातचीत की और अंत में फैसला लिया गया कि प्रदेश में सीएम के तौर पर तजुर्बेदार यानि अशोक गहलोत को सीएम बनाया जाए और डिप्टी सीएम के लिए सचिन पायलट के नाम पर मुहर लगाई गई।
14th December, 2018