राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल सौदे पर कोई संदेह नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जहाज की जरूरत और क्वालिटी पर कोई संदेह न होत तो उसकी कीमत पर जाने की कोई जरूरत नहीं है। सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने आज कहा कि हम इससे सन्तुष्ट हैं कि प्रक्रिया में कोई विशेष कमी नहीं रही है। भारत को विमान की ज़रूरत है, विमान की क्षमता पर शक नहीं है। 126 की बजाय 36 विमान लेने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल फाइटर जेट की खरीददारी में कोई खामी नहीं है और इसपर सवाल उठाना गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कीमत की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि किसी को व्यवसायिक लाभ पहुंचाया गया हो। कोर्ट ने डील से संबंधित चारों याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि देश को इस फाइटर जेट की जरूरत है और इसमें किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राजनीतिक दलों के इसे मुद्दा बनाने पर कहा कि किसी एक व्यक्ति की राय या विचार से काई सौदा नहीं होता है और इसे घोटाला नहीं कहा जा सकता।
राफले सौदे के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले देश के नामी वकील प्रशांत भूषण ने कहा, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा इसमें किसी जांच की जरूरत नहीं है, जो सरकार ने नियम अपनाया वो ठीक ही लगता है और जो पार्टनर का चयन किया गया है वो भी राफेल कंपनी ने चुना है। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया गया है। हमारे हिसाब से यह गलत फैसला है। हम तो सिर्फ जांच की मांग कर रहे थे।
14th December, 2018