नयी दिल्ली-यूरिड मीडिया न्यूज। तीन महीने केे भीतर अधिसूचना बदलने के पीछे चंद्रबाबू नायडू के व्यक्तिगत डर को अहम माना जा रहा है। दरअसल सी.बी.आई. निदेशक आलोक वर्मा को दो करोड़ और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को दो करोड़ 95 लाख रूपये रिश्वत देना का दावा करने वाला सतीश बाबू सना हैदराबाद का रहने वाला है। इसे चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है। चर्चा यह तक है क चंद्र बाबू के साथ उसके लेन-देन के पुख्ता दस्तेवेज मौजूद है। सना ने सीबीआई के सामने स्वीकार किया है कि तेदेपा के एक सांसद ने उसे बचाने के लिए सीबीआई निदेशक से बात की थी। इस मामले की जांच के दौरान इस दस्तेवेजों का बाहर आने की संभावना है। नई अधिसूचना के बाद आंध्र में सना के खिलाफ जांच से सीबीआई को रोका जा सकेगा।
17th November, 2018