लखनऊ यूरिड मीडिया न्यूज। कृषि मंत्री ने उपज बढ़ाने के लिए मृदा जांच का अभियान शुरू किया था। मृदा परीक्षण के लिए एजेन्सी चयनित की गयी थी फर्मो ने जांच के नाम पर अनियमितता की और टेंडर चयन में फर्जी दस्तावेज लगाये। इसमे विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी भी शामिल थे मामला प्रकाश में आने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त के आदेश पर कृषि निदेशक सोराज सिंह ने जांच में छत्तीस अधिकारी दोषी पाये गये। जिस पर कड़ी कार्यवाही की गयी है। दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। घोटाले में शामिल दोष सहित निदेशक और नौ वरिष्ठ अधिकारियों को निलबिंत किया गया है। चार फर्म में ब्लैक लिष्ट की गयी है। जिन अधिकरियों को निलबिंत किया गया है उनमें कृषि निदेशालय में संयुक्त कृषि निदेशक (शोध एवं मृदा सर्वेक्षण) पंकज त्रिपाठी,बरेली के उप कृषि निदेशक विनोद कुमार, मुरादाबाद के उप कृषि निदेशक डॉ. अशोक कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक अलीगढ़ जुगेद्र सिंह राठौर, सहारनपुर के उपकृषि निदेशक राजीव कुमार, झांसी के उपकृषि निदेशक रामप्रताप, मेरठ के उपकृषि निदेशक सुरेश चंद्र चैधरी,उपकृषि निदेशक/प्रभारी श्रीदेव शर्मा (सहायक निदेशक, मृदा परीक्षण/ कल्चर, अलीगढ़) और बरेली के सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण/कल्चर( संजीव कुमार सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में शामिल है। उपनिदेशक स्तर के सभी अफसर अपने-अपने मंडलों की निविदा समिति के अध्यक्ष भी थे। इसके अलावा मेसर्स यश सलूशंस मेसर्स सिद्धि विनायक , मेसर्स सतीश कुमार अग्रवाल और मेसर्स सरस्वती सेल्स को ब्लैकलिस्ट किया गया है। इन सभी फर्मो के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया गया है।
15th November, 2018