लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुबे के आईएएस अधिकारी गंभीरता से नही ले रहे है। इसका ताजा उदाहरण यह है कि आपदा की बैठक में राहत आयुक्त संजय कुमार शामिल नही हुए। आपदा बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे थे। हालांकि नाराज मुख्यमंत्री ने राहत आयुक्त को हटाने का निर्देश दिया है। यह पहला अवसर नही ही है जब मुख्यमंत्री की बैठक में आईएएस अधिकारी शामिल नही होते। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगीआदित्य नाथ प्रदेश के 75 जनपदों का दौरा कर चुके है कई जनपद ऐसे है जिनका कई बार दौरा मुख्यमंत्री ने किया है। सभी बैठको और दौरे के समय मुख्यमंत्री अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते रहते है लेकिन इस चेतावनी का कोई प्रभाव आईएएस अधिकारियों पर नही पड़ रहा है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। खाद्यान्न, राशन वितरण, मिडडेमील , शिक्षा और स्वास्थ्य में बड़े-बड़े घोटाले हो रहे है गड्ढा मुक्त के नाम पर लोकनिर्माण विभाग में करोड़ों रूपये पानी में बह गये और आज भी प्रदेश मे सड़के गढ्ढा-युक्त बनी हुई है। नौकरशाही पूरी तरह से बेलगाम है। मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठकर अधिकारी इतने कमजोर औरअनुभव हीन है कि मुख्यमंत्री को सही जानकारी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है। नौकरशाही राजनीतिक दलों की तरह जाति एवं धर्म में बटी हुई है। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है।
21st September, 2018