देश में गोरक्षा के नाम पर फैली हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि कोई भी अपने आप में कानून को नहीं तोड़ सकता है। कोर्ट ने कहा कि देश में भीड़तंत्र को कुछ भी करने की इजाजत नहीं दे सकती है। यहां पर संविधान के मुताबिक काम करना होगा। गोरक्षा के नाम पर हो रही भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह इस तरह से हो रही भीड़ की हिंसा को रोकें।
ये सिर्फ कानून व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि गोरक्षा के नाम पर भीड़ की हिंसा अपराध है। अदालत इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती कि कोई भी कानून को अपने हाथ में ले। गोरक्षा के नाम पर हिंसक गतिविधियों पर रोक के लिए गाइडलाइंस जारी करने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उक्त टिप्पणी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था।
17th July, 2018