नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे आज से एक बार फिर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। हालांकि उनकी प्रमुख मांगों में अभी भी लोकपाल विधेयक को पारित कराना शामिल है। इसके अलावा भी वो 7 अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अन्ना से हड़ताल से पहले कहा कि, 'मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा। मगर सरकार ने एक नहीं सुनी। इसलिए मुझे अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ा।राजघाट में प्रार्थना करने के बाद अन्ना हजारे शहीदी पार्क पहुंचे। आज सुबह 10 बजे अन्ना हजारे राजघाट पहुंचे। महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और प्रार्थना की। इसके बाद वह दिल्ली के रामलीला मैदान की तरफ रवाना हुये।
जानिए क्या है अन्ना हजारे की 7 मांगें
1. कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले।
2. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए।
3. लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो।
4. किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले।
5. खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन।
6. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्त किया जाए।
7. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए।
सरकार का रवैया ठीक नहीं
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा- 'प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन आपने कैंसिल कर दी। आप उन्हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं। मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मैं कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती। सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है।'
गौरतलब है कि अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक को पारित कराने की मांग 2011 से करते आ रहे हैं। 2011 में रामलीला मैदान में ही भूख हड़ताल भी की थी। इस दौरान उनके साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया जैसे साथी थे। हालांकि अभी तब इनके इस अनशन में शामिल होने की सूचना नहीं है। अन्ना कहना है कि इस बार का अनशन 2011 से भी बड़ा होगा।
23rd March, 2018