लंदन यूरिड मीडिया न्यूज। चीन की रबर स्टाफ ससद ने जैसे ही राष्ट्रपति शी जिनफिंग को आजीवन सत्ता में बने रहने का अधिकार दिया, दुनियाभर में उनका विरोध शुरू हो गया। सबसे पहले अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए। इनपर चीनी व अंग्रेजी में नॉट माई प्रेसीडेंट और आई डिसएग्री में लिखा है। अमेरिका ऑस्टेलिया और ब्रिटेन समेत कई देशों में जिनफिंग
के खिलाफ पोस्टर लगाए जा रहे है। बाद में फ्रांस, नीदरलैंड, कनाडा और हांगकांग यूनिवर्सिटी के छात्र भी इस अभियान में शामिल हो गये। अभियान चलाने वालो का कहना है कि सरकार ने बड़ी आसानी से इस बात को प्रचारित कर दिया है कि जनता ही जिनफिंग
को राष्ट्रपति बनाना चाहती है। वे भूल गए कि सोशल मीडिया के युग मेें वे इस बात को छिपा नही पाएंगे। ट्विटर पर भी जिनफिंग
के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है। विदेशों में रह रहे कुछ छात्रों ने स्टॉफ शी जिनफिंग
के नाम से अकाउंट बनाया है।
के खिलाफ पोस्टर लगाए जा रहे है। बाद में फ्रांस, नीदरलैंड, कनाडा और हांगकांग यूनिवर्सिटी के छात्र भी इस अभियान में शामिल हो गये। अभियान चलाने वालो का कहना है कि सरकार ने बड़ी आसानी से इस बात को प्रचारित कर दिया है कि जनता ही जिनफिंग
को राष्ट्रपति बनाना चाहती है। वे भूल गए कि सोशल मीडिया के युग मेें वे इस बात को छिपा नही पाएंगे। ट्विटर पर भी जिनफिंग
के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है। विदेशों में रह रहे कुछ छात्रों ने स्टॉफ शी जिनफिंग
के नाम से अकाउंट बनाया है।
13th March, 2018