नई दिल्ली। हाल ही में हुए पीएनबी बैंक घोटाले के बाद एक रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि बैंक के ज़्यादातर घोटालों मे कर्मचारियों की मिलीभगत होती है। जिसके कारण फ्रॉड करना आसान हो जाता है और फिर धोखाधड़ी कर रकम को एनपीए में तब्दील कर दिया जाता है। आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2015 से मार्च 2017 तक कुल 5200 बैंक कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। जिसमें डिमांड ड्राफ्ट, फर्जी चेक, खातों में हेराफेरी और नीरव मोदी जैसों के एलओयू बनान शामिल है।
क्या है बैंकों से धोखाधडी
बैंकों से अवैध तरीके या अनैतिक तरीके से पैसे निकालना और फिर रकम की भरपाई ना करना यह धोखाधड़ी होता है। यह एक सफेदपोश जुर्म है। जिसमें बैंकों को लंबी चपत लगती है।
कितना हुआ नुकसान
हाल ही में लगातार कई बैंक घोटालो के खुलासे के बाद क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर बताया कि पिछले साल 2016-17 में 1,11,738 करोड़ के बैंक घोटाले हुए। पिछले तीन सालों में 8748 ऐसे मामले सामने आए है।
आरबीआई के एक आकडे के मुताबिक पिछले 5 सालों में 8672 लोगों के करीब 61258 करोड़ रुपये धोखाधडी कर अवैध रूप से निकाले गए। बैंक से सर्वाधिक घोटालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) का प्रथम स्थान है। वहीं दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक और तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ इंडिया शामिल है।
ये है प्रमुख घोटालेबाज
इस साल सबसे बड़े बैंक घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें गीतांजली ज्वेलर्स के मालिक नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी का नाम सबसे ऊपर है। इन्होंने करीब 11,400 करोड़ रुपये पीएनबी के निगल लिए और फरार हो गए। जिसे अब एनपीए में डाल दिया गया है। वहीं कानपुर में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी है जिसने 3695 करोड़ के बैंक घोटाले किए और उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया।
नई दिल्ली। हाल ही में हुए पीएनबी बैंक घोटाले के बाद एक रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि बैंक के ज़्यादातर घोटालों मे कर्मचारियों की मिलीभगत होती है। जिसके कारण फ्रॉड करना आसान हो जाता है और फिर धोखाधड़ी कर रकम को एनपीए में तब्दील कर दिया जाता है। आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2015 से मार्च 2017 तक कुल 5200 बैंक कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। जिसमें डिमांड ड्राफ्ट, फर्जी चेक, खातों में हेराफेरी और नीरव मोदी जैसों के एलओयू बनान शामिल है।
क्या है बैंकों से धोखाधडी
बैंकों से अवैध तरीके या अनैतिक तरीके से पैसे निकालना और फिर रकम की भरपाई ना करना यह धोखाधड़ी होता है। यह एक सफेदपोश जुर्म है। जिसमें बैंकों को लंबी चपत लगती है।
कितना हुआ नुकसान
हाल ही में लगातार कई बैंक घोटालो के खुलासे के बाद क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर बताया कि पिछले साल 2016-17 में 1,11,738 करोड़ के बैंक घोटाले हुए। पिछले तीन सालों में 8748 ऐसे मामले सामने आए है।
आरबीआई के एक आकडे के मुताबिक पिछले 5 सालों में 8672 लोगों के करीब 61258 करोड़ रुपये धोखाधडी कर अवैध रूप से निकाले गए। बैंक से सर्वाधिक घोटालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) का प्रथम स्थान है। वहीं दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक और तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ इंडिया शामिल है।
ये है प्रमुख घोटालेबाज
इस साल सबसे बड़े बैंक घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें गीतांजली ज्वेलर्स के मालिक नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी का नाम सबसे ऊपर है। इन्होंने करीब 11,400 करोड़ रुपये पीएनबी के निगल लिए और फरार हो गए। जिसे अब एनपीए में डाल दिया गया है। वहीं कानपुर में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी है जिसने 3695 करोड़ के बैंक घोटाले किए और उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया।
12th March, 2018