देश के इतिहास में सबसे बड़ा बैंक घोटाला करने वाला नीरव मोदी का छोटा भाई निशाल मोदी मुकेश अंबानी की बहन का दामाद है। इसलिए यह घोटाले का मामला और गंभीर होता जा रहा है। इतने बड़े घोटाले में छोटे-छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करना संदेह के घेरे में है। 2011 से पीएनबी ने जनवरी 2018 तक 250 एलओयू(लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी किया। जिसके द्वारा नीरव मोदी ने 11400 करोड़ का घोटाला किया।
सवाल यह है कि कहीं अंबानी के रिश्तो के दबाव में बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों ने मिलीभगत करके मोदी को लाभ पहुंचाया?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे ईमानदार, स्वच्छ छवि वाले नेता को इसकी पारदर्शी रूप से निष्पक्ष जांच करानि चाहिए। क्योकि अंबानी ग्रुप से बीजेपी के गहरे संबंध है। पीएम को घोटालेबाजों पर निष्पक्ष कार्रवाई करके यह साबित करना होगा कि वह अपने बयान(ना खाऊँगा न खाने दूंगा) पर कायम है। ना खाने का मोदी का फार्मूला 100 फीसदी सही दिखाई दे रहा है। लेंकिन खाने नहीं दूंगा यह वादा बैंक घोटाले से फेल साबित हो रहा है।
16th February, 2018