नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों के बीच 'परीक्षा पर चर्चा' शुरू हो गई है। पीएम ने बच्चों से कहा, मैं आपक दोस्त हूं। छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि आप सभी का कार्यक्रम है। छात्र-छात्राओं से पीएम से परीक्षा के दबाव पर सवाल पूछे। इस कार्यक्रम में पीएम छात्रों को तनाव से मुक्ति दिलाने के मंत्र दे रहे हैं। पीएम ने विवेकानंद जी का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि विवेकानंद जी कहा करते थे कि अपने आप को कम नहीं आंको।
उन्होने कहा कि आप सब यह भूल जाइए की आप प्रधानमंत्री से बात कर रहे है। ईमानदारी से मेहनत के बाद भी अगर आत्मविश्वास नहीं होता है तो सब याद आता है। लेकिन शब्द याद नहीं आता। विवेकानंद जी ने कहा 'अहम प्रह्मास्मि।' विवेकानंद जी कहते थे कि 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करो, वे आशीर्वाद दें लेकिन अगर अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवाता भी कुछ नहीं करेंगे।
नोएडा से कनिष्का वत्स ने पीएम से सवाल किया, 'अगर कोई स्टूडेंट पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहता लेकिन ध्यान बंटता है तो क्या करना चाहिए?'
पीएम ने कहा कि हर व्यक्ति दिन में कोई न कोई ऐसा काम करता है जो बड़े ध्यान से करता है। अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है। अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया। आप खुद पता लगाइए कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगा।
पीएम ने कहा, 'छात्र हमेशा मां सरस्वती का पूजन करते हैं, लेकिन परीक्षा से पहले अक्सर कई बच्चे हनुमान जी की पूजा करने लगते हैं। लेकिन ऐसा क्यों करते है आपने सोचा है? मैं तो अपने वक्त में यह सोचना था कि अगर परीक्षा के दौरान नकल की चिट पकड़ी गई, तो शिक्षक यह समझ ले कि वह हनुमान जी का भक्त है।'
स्कूल जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं। आप यह समझिए कि आप ही आपको अंक देने वाले हैं। इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए।
देशभर के अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा बने है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यह कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद हैं।
इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए एचआरडी मिनिस्टर ने कहा, परीक्षा को पर्व के रूप में कैसे मनाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने चिंतन किया है और आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा, 'परीक्षा को पर्व के रूप में कैसे मनाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने चिंतन किया है और आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्रतिभा को देश में रोकने में मदद करेगी। यहां रिसर्च लैब बनाए जाएंगे।'
इस मौके पर केंद्रीय विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम की भी प्रस्तुति दी। पीएम के संबोधन से पहले बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में डांस परफॉर्मेंस दी।
इस कार्यक्रम में पीएम और छात्रों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बोर्ड परीक्षा और परीक्षा से जुड़ी समस्याएं हैं। जिसमें परीक्षा के दौरान तनाव और घबराहट जैसी स्थिति से छात्र कैसे निपटें, इस पर भी चर्चा हो रही है। इस परिचर्चा का शीर्षक 'मेकिंग एक्जाम फन: चैट विद पीएम मोदी' रखा गया है। इसके शीर्षक से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि बोर्ड की परीक्षा से पहले बच्चों के मन की उथल-पुथल को शांत किया जाए, ताकि वे पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठें।
सीबीएसई ने तमाम स्कूलों को कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करने और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चत करने का आदेश जारी किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसका हिस्सा बन सकें। कार्यक्रम में करीब 10 छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री से सीधे सवाल पूछने का मौका मिला है। यह पूरा कार्यक्रम करीब एक घंटे का होगा।
बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को प्रसारित करने से इनकार कर दिया है। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह परीक्षा का समय है। अधिकांश छात्र-छात्राएं तैयारी में व्यस्त हैं। ऐसे में छात्रों के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करना संभव नहीं है। स्कूल-कॉलेज में टीवी के सामने छात्रों को बैठने के लिए बाध्य करना ठीक नहीं है। चटर्जी ने कहा कि यह कोई राष्ट्रीय भाषण नहीं है जो छात्रों को सुनाना जरूरी है। वैसे भी यूजीसी का सभी निर्देश सरकार नहीं मानती है। यूजीसी के सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी नहीं है। बच्चों में माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक की परीक्षा को लेकर उत्पन्न होने वाले तनाव को कैसे दूर किया जा सकता है इस संबंध में प्रधानमंत्री आज छात्र-छात्राओं को बताएंगे। बंगाल सरकार ने इस का विरोध किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा के पहले छात्रों को अपना संदेश देने के लिए एक पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' (परीक्षा योद्धा) भी लिखी है। यूजीसी ने देश के सभी शिक्षा प्रतिष्ठानों में प्रधानमंत्री का भाषण सुनाने के लिए निर्देश जारी किया है। पश्चिम बंगाल सरकार को भी यह निर्देश मिला है, लेकिन शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री के भाषण छात्रों को सुनाने के लिए राज्य के शिक्षा प्रतिष्ठानों में व्यवस्था करने से इनकार कर दिया है।
पीएम ने छात्रों के लिए लिखी ‘एग्जाम वारियर’
प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही छात्रों के लिए ‘एग्जाम वारियर’ नामक किताब लिखी है, जिसमे उन्होंने परीक्षा के लिए 25 मंत्र बताएं है, जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ेगा। इस किताब में पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है। इससे डरने की कोई जरूरत नहीं होती है। यह किताब बाजार में उपलब्ध भी है।193 पन्नों की इस पुस्तक में परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के लिए 25 अध्यायों में 25 नुस्खे दिए गए हैं। किताब के अंत में परीक्षार्थियों के लिए योगासन भी बताए गए हैं।
16th February, 2018